यह संकलन मानवीय सोच से प्रस्फुटित एक सुंदर साहित्य वाटिका है, जिसमें जीवन के बहुरंगी पुष्प मुस्का रहे हैं। कोई पुष्प मानवीय चेतना की खुशबू लिए महक रहा है तो कोई समाज के बहुरंगी आयामों की झलक लिए किसी भाव की लता से लिपटा लहरा रहा है। या कहें यह एक ईश्वर के बनाए इस मानवीय उपवन में नाना सौन्दर्य सुवास सुकुमारिता की झलक दिखने में पूर्ण सक्षम है, तो कहीं कंटीली झाड़ी जीवन की यथार्थता बयान करती है। कहीं सुकुमार गुलाब संग काँटों की चुमन तो कहीं चाँदनी रात की छटा दृष्टिगत होती है। कहीं पर कोयल की मधुर आवाज तो कहीं कंकड़ पत्थर पूर्ण कठोर राह भी यहाँ मिलता है। देशभक्ति, छायावाद,यथार्थवाद,समाजवाद हर् दिशा की झलक यहाँ बखूबी दिखती है। यह “एक मुट्ठी शब्द” साहित्यिक उद्यान में बिखेर दिया गया है, शायद कोई साहित्य प्रेमी पक्षी इसे चुग अपनी क्षुधा तृप्त कर पाए। इसमे एक साथ हिन्दी की विभिन्न क्षेत्रों की कविता, गाँव को उजागर करती अंगिका कविता, और कुछेक कहानियाँ जहां जीवन की प्रत्येक अवस्था को समेट पाना संभव हो पाया है।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners