'मरने से पहले' विषय का सम्बन्ध हमारे उस समय से है जब मनुष्य मौत के सम्मुख होता है या उसे इस बात का आभास हो गया होता है कि अब वह मरने ही वाला है। उसकी मौत उससे अब कुछ ही अंतराल पर है। यह कभी भी आ सकती है। आज ! एक सप्ताह के पश्चात ! एक माह के पश्चात या फिर एक वर्ष के पश्चात ! कभी भी उसे उसके क्षणभंगुर जीवन से छीन कर जीवन मरण की सीमा के पार उस अनंत की ओर ले जा सकती है, जिसके विषय में अनंत काल से मात्र कल्पना, मनन तथा वैज्ञानिक अनुसंधान ही किये जा रहे है, किन्तु निश्चित रूप से अभी तक इस विषय में कुछ भी नहीं कहा जा सका है।