भारत में शोषित के भगवान बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के संघर्षों वल पर स्वतंत्रता से पूर्व ब्रिटिश शासकों ने कम्युनल एवार्ड द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जातियों को अपने प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए दिए गए दो वोटों के अधिकार के विरुद्ध रामराज्य समर्थक, सवर्ण व्यवस्था के चिन्तक, कांग्रेस के नेता, गांधी ने आमरण अनशन कर दिया था। गांधी के आमरण अनशन से उत्पन्न समस्या के समाधान हेतु बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर द्वारा वेमन से किये गए पूना पैक्ट के आधार पर अनुसूचित जाति जनजाति के प्रतिनिधित्व के लिए केन्द्रीय तथा प्रादेशिक विधायिकाओं में आरक्षण का लाभ मिला था।