इस काव्य संग्रह में, मैंने अपनी अनुभूतियों को जीवन के विविध रंगों से सुसज्जित करके, पाठकों के समक्ष शब्द रूप देकर छंदबद्ध किया है । इसमें ग़ज़ल, कविता , गीत, दोहे तथा मुक्तक आदि छंदों के रूप में विविध पुष्पों का समावेश है ; जिनमें कहीं तो प्रेम की पराकाष्ठा है, तो कहीं विरह की वेदना, कहीं राष्ट्रवादी चेतना का स्वर है, तो कहीं स्त्रियों के सशक्तिकरण के समर्थन का जय घोष भी है।
इन तमाम पुष्पों की माला मात्र है मेरा काव्य संग्रह- ' स्नेहिल भावपुंज'।
आशा है यह ' स्नेहिल भावपुंज ' पाकों के हृदय के अंतर्मन को अवश्य छुएगा ।
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