स्वस्थ रहने में आहार के साथ साथ हमारे विहार यानी रहन-सहन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आयुर्वेद में ऋतुचर्या, दिनचर्या, स्वस्थ वृत और सद्वृत के सैकड़ो प्रसंग दिए गए है जिनको हम अपने जीवन मे उत्तर ले तो बीमारियां पास नही आ सकती है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी कहा गया है की स्वस्थ शरीर में ही ईश्वर का निवास होता है। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ ही नहीं है, तो ऐसे में वह ईश्वर की बनाई, इतनी प्यारी मानव शरीर रचना का आनंद ही नहीं उठा सकता है। बेशक कोई व्यक्ति करोड़पति हों, लेकिन अगर स्वस्थ ही नहीं है तो वह भला धन का क्या आनंद ले सकता है? सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप अच्छी आदतें बनायें। इससे आप मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से स्वस्थ रहेंगे। आपकी आदतें ही आपको स्वस्थ बनाती हैं।
कोई भी बदलाव अचानक नहीं आता। अच्छी सेहत के लिए छोटे-छोटे कदम उठायें। जरूरी नहीं कि आप एक ही दिन में सेहतमंद जिंदगी जीने लग जायें। इस दिशा में उठाये गए छोटे-छोटे बदलाव एक समय बाद आपकी सेहत को ठीक बनाने में काफी मददगार साबित होंगे। सेहतमंद रहने के लिए आप हैल्दी डाइट लेते हैं और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं। इसके अलावा सेहतमंद रहने के लिए आप कई बातों का ध्यान भी रखते हैं। मगर रोजमर्रा की जिंदगी में आप ऐसी कई बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाती है।
प्रस्तुत पुस्तक "बीमारियो को हराएंगे" में ऐसी ही छोटी छोटी मगर उपयोगी बातो को बताया गया है जिनका पालन करके आप पूरी तरीके से स्वस्थ जीवन का लुत्फ़ उठा सकते है और वो भी बगैर एक भी पैसे खर्च किये।
डॉ अजय कुमार, वर्तमान में राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। इन्होंने आयुर्वेदाचार्य की शिक्षा इसी महाविद्यालय से 2005 में पूरी की तथा इसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से कायचिकित्सा विषय मे एम. डी. और पी.एच. डी. की पढ़ाई पूरी की । इनका मुख्य कार्यक्षेत्र हाइपरटेंशन, कार्डियो-रेस्पिरेटरी और मधुमेह रहा है । इसके पूर्व में इनकी दो पुस्तके “हाइपरटेंशन इन आयुर्वेद” और “मेल इनफर्टिलिटी एंड मैनेजमेंट” पब्लिश हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में लगभग 20 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है ।राष्ट्रीय स्तर के सामचार पत्रों में १०० से भी अधिक हेल्थ सम्बंधित खबरे लिख चुके है | इन्होंने लगभग 30 से अधिक सेमिनारो में व्याख्यान प्रस्तुत किया है, तथा कई सेमिनार भी आयोजित करा चुके है। हिमालय हर्बल हेल्थ केअर द्वारा “जीवक अवार्ड” तथा चरक फार्मा द्वारा “आयुरमेधा अवार्ड” से भी सम्मानित किया जा चुका है। सन 2018 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के रचना शारीर विभाग एवं बैकुंठी आयुष रिसर्च एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी , लखनऊ के संयुक्त कॉन्फ्रेंस में डॉ अजय कुमार को आयुर्वेद के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए "आयुष गौरव" सम्मान से सम्मानित किया गया।