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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआपके कदम सफलता की ओर - व्यक्ति से जीवन में भूल होना उसकी प्रकृति है, भूल को मानना उसकी संस्कृति है और स्वीकार करके सुधार कर लेना वही उसकी प्रगति है । अब कुछ पंक्तियों के साथ सफलता की राह में स्वयं की प्रतिभा को निखारने की प्रतिज्ञा करें: है जिंदगी एक सफर जैसे, इत्मीनान से चलते रहो.. सुख दुख आते जाते रहेंगे, मन विश्वास संग ढलते रहो.. ना झुको कभी ना डरो कभी, कोशिश करो जीतने की.. जीवन की हर बाधा मिटाने, बन अंगार तुम जलते रहो.. पाने को सफलता हर डगर, निरंतर प्रयास तुम करते रहो.. असफलताओं से सीख नया कुछ, सफलता ओर बढ़ते रहो.. हर मोड़ पर लेती है इम्तिहान, यह हमारी जिंदगी.. मत रुको राह कोई हो, कदमों के निशां तुम बदलते रहो.. पुस्तक का आनंद लें.. शुभ कामना..
एस पी गर्ग
३ मार्च १६४९ को जयपुर में जन्में श्री एस पी गर्ग ने पंत नगर, कृषि विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रैजुएट के बाद १९७३ में Indian Institute of Management, Ahmedabad Agri Business Management, PMA (MBA) कर विभिन्न क्षेत्रों- मैनजमेंट, बैंकिंग, एकेडेमिक्स, प्रशासन आदि का देश और विदेश में सफलतापूर्वक कार्य अनुभव प्राप्त किया है। श्री गर्म बैंक ऑफ बड़ौदा में कई प्रमुख पदों, क्षेत्रीय प्रबंधक, अध्यक्ष, सुल्तानपुर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, प्रमुख संकाय ग्रामीण बैंक्स स्टाफ कॉलेज, सहायक महाप्रबंधक न्यूयॉर्क, चीफ एग्जीक्यूटिव, फिजी ऑपरेशन्स, MD BOBCARDS पर कार्य करते हुए बहुत कुछ सीखा है। 2009 में बैंक सेवानिवृत्ति के बाद जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनजमेंट, जयपुर एवं स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनजमेंट, जयपुर में प्रोफेसर/ डीन के पदों पर कार्य करते हुए अध्यापन किया है और युवा प्रबंधको को २१ वीं सदी में सफल होने के लिए मार्गदर्शन दिया है। श्री गर्ग वर्तमान में बहुत से एकेडेमिक्स, स्टार्ट अप्स, समाज सेवी संस्थान को मुख्य संरक्षक, निदेशक, मार्ग दर्शक के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं। हिंदी लेखन में गहरी रुचि है। श्री गर्ग ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, थाईलैंड, सिंगापुर, नेपाल आदि देशों का भ्रमण भी किया है। श्री गर्ग की इस पुस्तक "आनन्दमय सफल जीवन" में जीवन से जुड़े पहलुओं, आनंद, सफलता, आत्मीय प्रसन्नता, माता-पिता के दायित्व, नए भारत के निर्माण, प्रकृति, पर्यावरण और सामाजिक दायित्व जैसे विषयों पर व्यवहारिक विचारों की प्रभावशाली प्रस्तुति है। युवा वर्ग कैसे अपना करियर बनाएं, कैसे कॉर्पोरेट जगत में सफल हों, का एक रोड मैप है। एक विशेष चैप्टर "मेरे कॉर्पोरेट अनुभवों से सीखें" में व्यवहारिक सूत्र हैं, जो उपयोगी होंगे। भाषा अत्यंत सरल है और बहुत से प्रेरणादायक प्रसंग, कहानियों को उपयोगिता के अनुरूप सम्मिलित किया गया है जिससे पाठकों को आनंद की अनुभूति भी होगी। आशा है, यह पुस्तक स्टूडेंट्स, युवाओं, फैकल्टी, नौकरी-पेशा, उद्यमी, कॉर्पोरेट लीडर्स, मोटिवेशनल स्पीकर्स, गृहणी एवं हर सभी के लिए प्रेरणादायक और उपयोगी होगी।
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