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Abhiprerak Gita / अभिप्रेरक गीता भगवद्गीता का सबसे सरल एवं संक्षिप्त व्याख्या

Author Name: Dr. Jagadeesh Pillai | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

पिछले दस वर्षों से भगवद्गीता पर विस्तार से अध्ययन एवं शोध कर रहा हूँ । बहुत साल पहले तक हम इसको एक साधारण अध्यात्मिक धर्म ग्रंथ समझते थे और अनेकों बार पढ़ने पर भी कुछ समझ में नही आता था l मगर बहुत से महान लोगों को गीता का ज़िक्र करते देखा गया और जब वेदोपनिषद के मदद से इसको अधिक गहराईयों से जानने की निरंतर कोशिश की तो दंग रह गए।


जीवन के जंग में हर एक समस्याओं को आसानी से निपटकर हर एक क्षेत्र में उत्तरोतर वृद्धि एवं जीत हासिल करने के अनेकों रहस्यों का खजाना था इस छोटे से ग्रंथ में। हम खुद अपने जीवन में, इस ज्ञान का प्रभाव को अजमाकर देख चुके हैं और जीवन के हर क्षेत्र में, हर कार्य में, अब तक सफल भी रहे हैं|


भगवद्गीता के अठारहों अध्यायों को हम सबके जीवन से जोड़कर, आज की अपनी आम भाषा में बहुत संक्षिप्त में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा हूँ एक  मोटिवेशनल संवाद के रूप में|

कई साल के शोध के बाद यह पहली बार था  कि कोविड के पहले लॉकडाउन में 16 जुलाई 2020 एकादशी के दिन मैंने भगवद्गीता का एक सरल एवं  संक्षिप्त रूप  "मोटिवेशनल गीता" के नाम से सोशल मीडिया पर लाइव बोलते हुए अपलोड किया गया| वह कुछ ही दिनों में  करीब सात लाख लोगों से ज्यादा देखा गया और हज़ारों हज़ारों लोगों का कॉल एवं मेसेज आने लगे|  

कई लोगों ने उस विडियो का टेक्स्ट (लिखित) रूपांतरण माँगा और पुस्तक के रूप में पब्लिश करने का आग्रह किया गया| 

यू ट्यूब एवं फेसबुक पर अपलोड किया हुआ "मोटिवेशनल गीता" को "अभिप्रेरक गीता"  के  नाम से उसका लिखित रूपांतरण इस पुस्तक रूप में आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है| 

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डॉ. जगदीश पिल्लई

डॉ. जगदीश पिल्लई  एक उत्साही पाठक, लेखक और सच्चे शोध विद्वान है जिनका का जन्म भगवान शिव के नगरी वाराणसी में हुआ था। वह वैदिक विज्ञान में पी.एच.डी. किया हुआ है| वह जन्मजात गुणों, रचनात्मक विचारों और कई उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ एक बहुआयामी पॉलीमैथ है। यद्यपि उनकी जड़ें "गॉड्स ओन कंट्री" (केरल) तक फैली हुई हैं| वाराणसी के निवासी उन पर गर्व महसूस करते हैं और उन्हें वाराणसी के एक बच्चे के रूप में मानते हैं जो बिना किसी अपेक्षा के हर व्यक्ति की जरूरत को पूरा करता है। उनकी प्रोफाइल के गहन अध्ययन से पता चलता है कि उन्होंने कामयाबी के कई सारे पंख जोड़े हैं जो उन्हें काफी अनोखा बनाते हैं। वह चार अलग अलग विषयों पर चार बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपना नाम दर्ज किया हुआ है| 

उनका जीवन भी संघर्ष, उतार-चढ़ाव और असफलताओं से भरा रहा है। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आत्मविश्वास से भरे अपने सभी परीक्षणों और क्लेशों का सामना किया। आज वह एक सफल युवक है जिसके पास बहुत जोश और समृद्ध जीवन का अनुभव है।

उन्होंने अपनी ही धुन से पूर्ण रामचरित मानस 51 घंटे का ऑडियो गाया है। उन्होंने पूरी भगवद-गीता को भी अपनी धुन  में एक लयबद्ध पृष्ठभूमि के साथ गाया है।

उन्होंने 50 अलग-अलग भाषाओं में "लोका:  समस्ता: सुखिनो भवन्तु" भी गाया है।

वर्तमान में वेद, उपनिषद, पुराण, भगवद गीता आदि पर विस्तृत और वैज्ञानिक अध्ययन पर काम कर रहे हैं।

वर्तमान में, वह 'यूरेशिया डिजिटल यूनिवर्सिटी' के मानद चांसलर हैं।

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