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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
din yad an
जब मैंने उससे पूछा कि --- '' यह मोटरसाइकिल किसकी है ? क्या तूने खरीदी है ? '' तो उसने कहा --- ''नहीं , यह मेरे एक मित्र की गाड़ी है और उसने बरसात के चलते मेरे यहाँ रख छोड़ी है । '' मैंने यह बात मान भी लिया था पर मेरे जीजाजी द्वारा मुझे पता चला कि उसने उनसे मोटरसाइकिल खरीदने के लिए पैसे उधार मांगे थे तो मेरे मन में बवंडर -सा उठा कि --- '' काश , वह झूठ न बोला होता और उसने झूठ क्यों बोला ? '' मुझे चलचित्र की भांति पुराने दिन याद आने लगे और मैं अपने आप को ठगा हुआ महसूस करने लगा ।
----- इसी पुस्तक से
----- इसी पुस्तक से
सुधांशु भारद्वाज
-लेखक का जन्म बिहार प्रांत के पूर्वी-चंपारण जिले के संग्रामपुर प्रखण्ड स्थित जलहा नमक गाँव में हुआ था । इनके पिताजी एक प्रतिष्ठित डॉ थे और माताजी एक कुशल गृहणी थी । इन्होने अपनी शिक्षा बाबा भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर से पूरी की । कुछ समय पहले तक वे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की पर फिलवक्त ये एक निजी विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं । इनहोने बहुत सारी विधाओं में पुस्तक की रचना की है । जैसे कि कविताए , विचार , लघु-कथा , उपन्यास , नाटक , संस्मरण , कहानियाँ , गजल , गीत , इत्यादि ।
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