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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palचरित्र नारी गाथा
नारी का चरित्र उस अग्नि की भांति पवित्र है, जिसके प्रभाव में आने पर प्रत्येक अशुद्धियां पूर्णतः समाप्त हो जाती हैं। प्राचीन पुरातन का इतिहास यदि देखा जाए, तो नारी और नारी के सम्मान में आपको अद्भुत सत्य देखने सुनने मिलेंगे। नारी - जो स्वयं में संपूर्ण है, उसे आवश्यकता ही नहीं किसी से समान अधिकार की, क्योंकि नारी स्वयं में सर्वश्रेष्ठ है। नारी का अस्तित्व किसी पुरुष या पुरुषवादी समाज से कही अधिक ऊपर है, किन्तु जब नारी ने अपने उच्चतम ओहदे को छोड़कर पुरुषवादी समाज के साथ चलने की ठानी, तब तब उसने चोट की, अपने अस्तित्व, स्वाभिमान और सर्वगुण होने पर।
जो एक नए जीवन को जन्म देती है, सृष्टि का सृजन करती है, सहनशीलता, दया, ममता जैसे गुण धारण करती है, ऐसी ही नारी के चरित्र की व्याख्या कर, संपूर्ण नारी शक्ति के सम्मान में, नारीत्व को नमन करने के उद्देश्य से संचित की गई हैं इस पुस्तक में प्रकाशित एक एक कृति। चरित्र - नारी गाथा संकलन एक उद्देश्य मात्र है संपूर्ण नारीवाद को जागृत करने का, जहन संजोया गया है अनेकों लेखकों के भावनात्मक विचारों को शब्दों की माला में समेटकर।।
निखिल जैन एवं अजय कुमार द्विवेदी
निखिल जैन
निखिल जैन एक 26 वर्ष के नवयुवक है, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। ये अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। इनके खुद के काफ़ी संकलन "L'amour", "बंधन रिश्तों के", "रूहानी बातें", "L'amour 2", "Momentos", "प्रकृति- एक जादुई पिटारा", "माँ" प्रकाशित भी हो चुके है। ये अपनी शायरी और कविताओ में सरल भाषा का प्रयोग करते है जिससे प्रत्येक व्यक्ति उन्हें आसानी से समझ सके।
इनकी एक एकल पुस्तक "प्रेमार्थ" भी प्रकाशित हो चुकी है। आप इनकी लेखनी इंस्टाग्राम पर पढ़ सकते है: @love.vibes143
ईमेल - love.vibes143@outlook.com
अजय कुमार द्विवेदी
अजय कुमार द्विवेदी कानपुर से संबंध रखते हैं। ये मर्चेंट नेवी में कार्यरत रहे हैं और वर्तमान में राजनीति में सक्रिय हैं। ये अब तक अलग - अलग कार्यक्रमों को आयोजित करवा चुके हैं, जिसमें कोरोना वॉरियर नि:शुल्क कविता प्रतियोगिता एवं भारतीय सैनिकों के अभिनंदन में निशुल्क कविता प्रतियोगिता मुख्य रही। इसके अलावा कला में भी रुचि रखने वाले अजय प्रदेश स्तरीय लेवल तक प्रतियोगिता में जा चुके हैं एवं 12 से अधिक देशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों में यात्रा कर चुके हैं और अब समाजसेवा को अपना कर्म मानते हुए हिंदी भाषा लेखन को जन जन तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।राजनीति में इनके आने का मकसद जन जन तक अपनी बात रखना और एक सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण करना है और विश्व गुरु भारत को एक बार फिर से सुदृढ़ बनाना है।।
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