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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक बिल्कुल नए अंदाज में लिखी गई है। यह एक अनूठी शैली है जहां पुस्तक में कोई अध्याय नहीं है। यह चर्चा शैली में लिखा गया है। यह एक बेटे और पिता के बीच एक प्रकार की काल्पनिक चर्चा है। मैंने एक पिता और उसके अति जिज्ञासु पुत्र के बीच एक प्रश्न-उत्तर सत्र के रूप में विस्तार से समझाने की कोशिश की है जिसमें पुत्र एक-एक करके समय-समय पर और बार-बार संबंधित क्षेत्रों से प्रश्न पूछ रहा है- महामारी, महामारी के पीछे का असली कारण और अंत में षड़यंत्र में शामिल होने वालों व्यक्तिओ या संस्थानों के बारे में। पाठक इस चर्चा को डॉ. तरुण कोठारी और उनके बेटे दिव्यम कोठारी के बीच मान सकते हैं।
इस पुस्तक के लेखक डॉ. तरुण कोठारी ने वास्तविक तथ्यों, नंगी वास्तविकता और कोरोना या कॉविड-19 नामक महामारी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश की। जैसा कि बताया गया है कि कोरोना रोग दुनिया भर में फैल गया है और यहाँ हो गया है, वहाँ हो गया है, मौतों की बड़ी संख्या हो गई है, वगेराह-वगेराह, जिसके लिए लेखक ने क्रमिक पृष्ठों में हर संभव संदेह और सवालों का स्पष्टीकरण दिया है । पुस्तक कई शोध पत्रों और वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सब कुछ स्पष्ट करने की कोशिश करती है; धीरे-धीरे इस बात को साबित करने के लिए कि कोरोना वायरस महामारी नहीं है, बल्कि एक साधारण फ्लू वायरस है जिसने सभ्यता की शुरुआत से मानव जाति को कई बार संक्रमित किया है।
वर्तमान समय में हर कोई भ्रमित है। कोरोना को लेकर हर किसी के मन में कई सवाल हैं। इन प्रश्नों का उत्तर वैज्ञानिक और तार्किक रूप से दिया जाना आवश्यक है। लेखक ने प्रत्येक प्रश्न का उचित और वैज्ञानिक स्पष्टीकरण देने का प्रयास किया।
डॉ. तरुण कोठारी
डॉ. तरुण कोठारी इस पुस्तक के लेखक हैं। इनके पास एमबीबीएस और एमडी की योग्यता है। ये रेडियोलॉजिस्ट है। इन्होने पिछले बीस वर्षों से एक चिकित्सक के रूप में काम किया है। इसके अलावा ये चिकित्सा-निदान क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। इन्होनें कई एमबीबीएस और चिकित्सा स्नातकोत्तर छात्रों को रेडियो-निदान के उन्नत स्तर की शिक्षा दी है।
इन्हे शुरू से ही लोगों को एक ईमानदार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना पसंद हैं। ये शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक स्थिति के उत्थान के लिए कई प्रकार के योग, प्राणायाम और क्रियाओं का अभ्यास करते है। इन्होने यह पुस्तक इसलिए लिखी ताकि इस नकली कोरोना महामारी के बारे में आम लोगों को शिक्षित किया जा सके।
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