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"Gandhi" A successful Ashtanga Yogi / "गाँधी" एक सफल अष्टांगयोगी अष्टांग योग के आधार पर गाँधी जीवन दर्शन

Author Name: Pdt. Manas Rajrishi | Format: Paperback | Genre : Letters & Essays | Other Details

अक्सर हम "गाँधीजी" को एक राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता संग्राम के अहिंसक योद्धा रूप देखते हैं । इन सब कार्यों के लिए "गाँधीजी" की अपार ऊर्जा का श्रेय उनके योग साधनामय जीवन को जाता है । "गाँधीजी" ने कभी शायद महर्षि पतंजलि की लिखी पुस्तक "योगदर्शन"  के शब्द "अष्टांगयोग" पर ज्यादा गौर न किया हो किन्तु अपने योग साधनामय जीवन के कारण वे स्वतः अष्टांगयोगी बन गए । यह पुस्तक "गाँधीजी" के जीवन के अष्टांगयोग जीवन को दर्शाती है । 

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पं. मानस राजऋषि

लेखक परिचय

पं. मानस राजऋषि 

 जन्म – १ अगस्त १९८३ प्रतापगढ़ ,उत्तर-प्रदेश

अध्यन – प्राकृतिक चिकित्सा, योग, ज्योतिष विज्ञान, आयुर्वेद, एस्ट्रोयोग टेक्निक, चिकित्सा,राजनीति शास्त्र, सजीव कृषि

रुचि - प्राकृतिक भ्रमण, लेखन, चित्रकारी, शतरंज, अध्ययन एवं अध्यापन, योग साधना

दीक्षित – सत्य साईं संप्रदाय, गायत्री परिवार,आनंद मार्ग,  औघड़नाथ मार्ग एवं पारंपरिक महर्षि पतंजलि योग मार्ग

वर्तमान विवरण - गांधी आश्रम के सामने गांधी जी द्वारा बताई गई पंडित की चाली नामक बस्ती में गांधी जी द्वारा निर्मित एक भवन प्रा-योग मंदिर नामक केंद्र में  संचालक एवं प्राकृतिक  चिकित्सा, योग साधना एवं अध्यापन में संलग्न ।

जीवन का मुख्य उदेश्य - भविष्य में तेजी से नजदीक आती हुई महाआपदा एवं आपातकालीन परिस्थितियों के लिए नवयुग निर्माण हेतु नई पीढ़ी को तैयार करना ।

सम्पर्क - प्रा-योग ट्रस्ट (कुदरती उपचार केंद्र), गांधी आश्रम के सामने, होटल तोरण के पीछे, आश्रम रोड, अहमदाबाद - 380027

फोन – 079 8426 1748, 97 1473 3653

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