You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों को जीवन के हर क्षेत्र में सब-कुछ सर्वश्रेष्ठ मिले और वे स्वस्थ, सफल और सुखी व्यक्ति बनें। वे इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, बहुत त्याग भी, फिर भी उन्हें लगता रहता है कि वे माता-पिता के रूप में बहुत अच्छे नहीं सिद्ध हुए। अधिकांश माता-पिता दूसरे खुशहाल परिवारों से ईर्ष्या करते हैं और पालन-पोषण में जिसे वे सफलता मानते हैं, उसके लिए फार्मूला खोजते रहते हैं।
यहां मुद्दा यह है कि अच्छे पालन-पोषण के लिए कोई औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण नहीं होता। हम अधिकतर वही करते हैं जो हमारे माता-पिता हमारे साथ करते थे। हमने कभी इस बात पर विचार नहीं किया कि पालन-पोषण एक ऐसा कौशल है, जिसे सीखकर हम अपने बच्चों की बेहतर देखभाल कर सकते हैं। पर यह कौशल हम सीखें किस् से?
अच्छा पालन-पोषण न केवल एक बच्चे को बेहतर बनाना है, बल्कि एक प्रोडक्शन लाइन को बेहतर बनाना है जिसके लाभ पीढ़ी-दर-पीढ़ी मिलेंगे।
भले ही हम आदर्श न बन सके, कम से कम बेहतर माता-पिता तो बन सकते हैं। इसके लिए हमें अपने पालन-पोषण के अच्छे और कमजोर बिंदुओं को देखना होगा, विभिन्न पालन-पोषण शैलियों को जानना होगा, और क्या सुधार किया जा सकता है और इसे कैसे करना है यह सीखना होगा। आपको आश्चर्य होगा कि इनमें से अधिकतर सुधार संभव भी हैं।
इस क्षेत्र में शोध और प्रकाशन के मामले में पश्चिमी देश हमसे कहीं आगे हैं। 140 करोड़ के देश के लिए हमारे पास इस संबंध में न तो प्रशिक्षण सुविधाएं हैं और न ही कोई मार्गदर्शन करने वाला। उसके विकसित होने तक हम साहित्य के माध्यम से कुछ अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि हिंदी में इस विषय पर किताबें न के बराबर हैं।
इसी विषय-वस्तु के साथ हिन्दी-भाषी पाठकों के लिए प्रस्तुत है अनुभवी लेखक-द्वय द्वारा यह पुस्तक।
डा. अशोक बांगा, डा. उषा बांगा,
डा. अशोक बांगा और डा. उषा बांगा, दोनों, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और हिन्दी व अंग्रेजी के प्रतिष्ठित लेखक हैं। इनकी लिखी यह 7 वीं पुस्तक है। दोनों ही विभिन्न वैज्ञानिक पत्रिकाओं के सम्पादन व मेडिकल विषयों में लेखन के अतिरिक्त स्वतंत्र लेखन से जुड़े हैं। दोनों ही भारतीय बाल अकादमी में महत्वपूर्ण पदों और कार्य-योजनाओं का निर्वाहन कर रहे हैं।
डा. अशोक बांगा को 2018 में Quora के Top Writer का सम्मान प्राप्त हुआ और उनके उत्तर 129 लाख से ज्यादा बार पढे जा चुके हैं।
डा. उषा बांगा के लोकप्रिय कॉलम ‘डॉक्टर दीदी की चिट्ठी’ के अतिरिक्त अब तक 15 कहानियाँ प्रकाशित।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.