हठरत्नावली एक मध्यकालीन हठ योग ग्रन्थ है,जो मूल रूप से श्रीनिवास भट्ट द्वारा लिखा गया है। यह ग्रन्थ चार अध्यायों में विभाजित है। चार अध्यायों में बताए गए विषय हैं- महायोग,आठ प्रकार की शरीर शुद्धि तकनीक,दस प्रकार की मुद्राएँ,नौ प्रकार के कुम्भक,मानव शरीर में मुख्य प्रकार की नाड़ियाँ,आसन के प्रकार,नाद के चरण,समाधि और उन्मनी भाव।