अजी सुनती हो" एक साधारण पुस्तक न होकर बल्कि एक अव्यक्त अभिव्यक्ति है। इसमें एक प्रेमिका/प्रेमी किस प्रकार से व्यवहार करते है, किसी एक पक्ष के बेवफा हो जाने पर दूसरे पक्ष की स्थिति अथवा उसका उस प्रेमिका/प्रेमी के संग बीती यादें आदि को व्यक्त किया गया है। यह एक ऐसी खटमिट्ठी खूबसूरत को अपने अंदर सजोये है जो प्रत्येक व्यक्ति के मानस पटल पर जीवंत है। वास्तव में यह मेरी पुस्तक न होकर आप सबकी पुस्तक है।
इस पुस्तक का उद्देश्य आप सभी को उन पहलुओं से सुपरिचित करा