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Jab Tum Aaoge / जब तुम आओगे

Author Name: Ankush Rathore Manasank | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

'जब तुम आओगे' इस पुस्तक में आपको जीवन की तरह ही प्रेम की तीन अवस्थाएँ -- आकर्षण, संयोग और वियोग को दिखाने का प्रयास किया है।

जब अधूरी पड़ी ख्वाहिशों में कोई शख्स छोड़ जाता है , तब वह दूसरा शख्स उन अधूरी ख्वाहिशो को अपनी कल्पनाओ में गढ़ता है और इसी चाहत में रहता है कि मैं ये सारी ख्वाहिशों तुम्हे सुनाऊँगा, जब तुम आओगे प्रेम में की गई अटखेलियाँ, जीवन के हर उस मोड़ पर याद आती है जब हम निराशा में घिरे हो। हमारे साथ चाहे कोई जितना भी प्यार करने वाला क्यों ही न हो, लेकिन ये आँखे उसके लिए ही मचलेगी, जिसके लिए दिल में अहसास,  आँखों में ख्वाब और जिन्दगी में ख्वाहिशें बची रहती है। जिन्दगी के कुछ चीजे अधूरी रहना ही अच्छा है, जैसे मुलाकाते, बातें,यादें,ख्वाब, ख्वाहिशें और पहली मोहब्बत।

क्योंकि पहली मोहब्बत अधूरी होकर भी मुकम्मल होती है, क्योंकि वो जिन्दगी में हमारा कभी पीछा नहीं छोड़ती,लेकिन जिंदगी में ऐसे शख्स का इंतजार होना चाहिए,जो ख्वाब-ख्वाहिशें न दे, कसमें-वादे न दे। दे सिर्फ तो,वो मोहब्बत उसी मोहब्बत का इंतजार है जब तुम आओगे

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अंकुश राठौर मानसअंक

'मानसअंक' का वास्तविक नाम 'अंकुश राठौर' है। मेरा जन्मस्थान उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी जिले का छोटा-सा गाँव प्रतापपुर है, मैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक का छात्र है और मेरी पहली पुस्तक 'बोलती तुम रहो' है।

मैं जब ग्यारहवीं कक्षा में था तब मेरे शिक्षक श्री रमेश चंद्र पाठक जी मेरी हिन्दी की कक्षा में  रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित 'गेहूं बनाम गुलाब' पाठ पढ़ा रहे थे। वहाँ मुझे एक शब्द मिला 'मानस' जिसका अर्थ उन्होंने बताया हृदय, दिल। ये शब्द मुझे बहुत भा गया और मैंने इसे अपने नाम के साथ जोड़ लिया। जिससे 'मानस' और अंकुश का संक्षिप्त में 'अंक' मिलकर 'मानसअंक' हो गया।

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