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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'कहे अनकहे' डॉ अनुपमा श्रीवास्तव द्वारा लिखित कहानी संग्रह है। जीवन बड़ी-बड़ी योजनाओ से नहीं बल्कि छोटे-छोटे अनुभवो से बनता है। ये छोटे-छोटे अनुभव नींव की ईंट जैसे होते है, जो दिखते तो नहीं, पर जीवन रुपी इमारत की मजबूती उन्ही पर आधारित होती है। इसीलिए किसी विशेष पल के इंतज़ार से अच्छा है कि हर पल को हम विशेष बना ले। एक बार खुल कर हंसने से अच्छा है कि हर पल हम मुस्कुरा ले, ज़िंदगी मिलती बस एक बार है तो क्यों न इसे हम यादगार बना ले। जिस प्रकार छोटी-छोटी बूंदो से विशालकाय समुद्र बनता है, वैसे ही अनुभव जीवन को दृढ़ता प्रदान करते है, इसे सरस और सरल बनाते है। अच्छे अनुभवों के लिए हमे अच्छी सोच और सही नजरिया चाहिए, क्योकि दृश्य तो अक्सर एक ही होते है, बस उन्हें देखने का नजरिया ही अलग होता है। 'कहे अनकहे' अच्छी सोच और सही नजरिये को प्रोत्साहित करता है जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आ सके।
डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव ‘प्रयागी’
इलाहाबाद विश्वविधालय से अंग्रेजी साहित्य में पीएचडी करने के बाद, डॉ.अनुपमा श्रीवास्तव 'प्रयागी' गवर्नमेंट पी जी कॉलेज, गुना में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। विगत दस साल से ये शिक्षा विभाग से जुड़ी हुई है। अंग्रेजी साहित्य के साथ-साथ उनकी रूचि हिंदी साहित्य तथा मनोविज्ञान में भी है। डॉ अनुपमा हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओ में लिखती है, उनकी पसंदीदा विधा लघु-कथा, कविता तथा उपन्यास है। इनकी लघु कथा तथा कविता हिंदी दैनिक समाचार में कई बार प्रकाशित हुई है। इनके यूजीसी से मान्यता प्राप्त जर्नल्स में शोध-पत्र प्रकाशित हुए है।
डॉ अनुपमा की मुख्य रचनाये 'तुम बदल गई हो।', 'वो अनजानी लड़की', 'सोच नई रिश्ता वही', 'मानव की पुकार' है।
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