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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalKanhai - कृष्ण गाथा
संपूर्ण ब्रह्मांड के सूत्राधार, करोड़ों कामदेव की सुंदरता भी मानो जिनके रूप के आगे क्षीण सी प्रतीत होती है, मन को मोहने वाले श्रृंगार के साक्षात दर्शन स्वरूप बल, बुद्धि, चपलता, चतुरता, बुद्धिमत्ता, रूप, सौंदर्य, प्रेम आभा, ज्ञान के भंडार, मथुरा में जन्में देवकीनंदन, यशोदा मैय्या के ममता के आंचल के सानिध्य में पले बढ़े, गोकुल की गलियों में ग्वालों संग खेलते कूदते, बरसाना, मधुबन में राधा और गोपियां के संग रास रचाने वाले माखनचोर, नटखट कन्हैया जिनके सहस्त्रों नाम हैं, उन वासुदेव श्री कृष्ण, नंदबाबा के लाड़ले, बलराम दाऊ के अनुज, राधा के कान्हा की उपमा शब्दों में व्यक्त करना तो मानो किसी कवि के सामर्थ्य की बात है ही नहीं। प्रेम के इस देव की छवि इतनी मनोहर है, कि ब्रह्माण्ड में इनके सम्मुख कोई भी अनुपमा दी ही नहीं जा सकती लेकिन प्रेम के वशीभूत होकर हमारा एक किंचित सा प्रयास है गिरधारी के समक्ष अपना प्रेम शब्दों में प्रस्तुत करने का। यहां प्रत्येक लेखक के लेख कृष्ण प्रेम में सने हुए शब्दों से अलंकृत हैं, जिससे मन को विशेष स्नेह की अनुभूति होगी। आशा है, प्रत्येक पाठक के मन को ये भाएं और यदि कोई त्रुटि हो तो हमारे कृष्ण कन्हाई हमें अबोध समझ कर क्षमा करे।।
धन्यवाद
निखिल जैन, अनिका जैन
अनिका जैन:
अनिका जैन, मोहब्ब्त की नगरी ताज नगरी, आगरा उत्तर प्रदेश से संबंध रखती हैं। लिखना इनका शौक ही नहीं पेशा भी है। इनका मानना है, कि केवल लेखन ही एक ऐसी कला है जिससे हम अपनी आंतरिक भावनाओं को भली भांति अभिव्यक्ति कर सकते हैं, और अपनी सोच और अपना नजरिया दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। अपनी लेखनी के माध्यम से ये अपने मन को टटोलने और अपने विचारो को कागज पर उड़ेलने में सक्षम होती हैं। टाइपिंग के दौर में इन्हे आज भी कलम कागज का उपयोग करना बेहद पसंद है। परिवार इनकी प्रथम प्राथमिकता है, और सभी को खुश रखना इनका पहला लक्ष्य। इन्होंने 100 से अधिक किताबो में बतौर सह लेखक कार्य किया है, और इनके स्वयं के कई संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इनकी एक सह एकल पुस्तक "प्रेमार्थ" भी प्रकाशित है।
निखिल जैन:
निखिल जैन, एक नवयुग के लेखक हैं, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। ये अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। इन्हें लिखना पसंद है, और इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते है। ये 20 से अधिक पुस्तकों के संकलनकर्ता रह चुके है और इनका स्वयं का एक ऑनलाइन प्रकाशन "Unite Publication" भी है। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं - इंस्टाग्राम : @love.vibes143 ईमेल -love.vibes143@outlook.com
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