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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह मेरी पहली पुस्तक है, अगर आपकों लिखना पसंद है तो यह पुस्तक जरूर पढ़े। इस पुस्तक में आपको मिलेगा कि एक नया लेखक किस अंदाज में लिखता है। आज नहीं तो कल कभी ना कभी आप लोग भी अपनी रचनाएँ साँझा करेंगे, अगर कभी लिखने का विचार हुआ तो इस पुस्तक के माध्यम से आपको लिखने के लिए एक नई दिशा मिलेंगी। कोई भी लेखक जन्मजात रचनाओं को नहीं रचता हैं। पता नहीं कब और कैसे इतना लिख लेता है, कि उसकी लिखावट उसकी हीं सोच सें परे हों जाती है।
मैं चाहता हूँ! कि आप भी लिखें, लिखने सें आपके अन्दर दबकर दम तोड़ रही भावनाएं प्रकट होती है। कई बार आपको जानने वाले भी आपके प्रति नकारात्मक सोच रखने लगते है, उनपे ध्यान ना देते हुये मस्तिष्क में बिखरे पड़े शब्दों कों समेटकर रचनाओं में परिवर्तित करना और उन्हीं रचनाओं कों साझा करने हेतू पुस्तक का निर्माण किया है। आप भी अपने विचारों कों साझा कीजिये। इस पुस्तक निर्माण के प्रति मेरा यह उद्देश्य है, कि अपनी रचनाओं कों एकत्रित करके उन पाठकों तक अपनी रचनाएं पहुचाऊं जो मेरे जैसे हीं लिखते पढ़ते है।
देवा मौर्य (राही)
मेरा नाम देवा मौर्य है मैं मध्यप्रदेश पुलिस में काँस्टेबल हूँ। मैं निवासी शिवपुरी जिले के वार्ड 39 ठकुरपुरा सें हूँ। कुछ 4-5 सालो सें लेखन में मेरी रुची बढ़ती गई करीब 2 - 3 वर्ष से लेखन की प्रक्रिया की में ज्यादा वक्त देने लगा। कुछ अलग नहीं सोचा बस अपने आसपास के माहौल को देखता रहा, उसी कों लिखता रहा जो भी घटनाये घटित होती रही वो सब मेरे दिमाग़ में हलचल करती रही उन्हीं कों समझा और लिखना शुरू कर दिया।
जब भी मैं उन्हें पढ़ता हूं तो लगता है जैसे कुछ वक्त या कुछ साल पीछे चला गया अच्छा तो कुछ बुरा वक्त भी होता है। यह सब कुछ स्मृतियां के जैसे आँखों के तारामंडल सामने प्रदर्शित होता है।
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