मेरी इस पुस्तक में स्वरचित रचनाएँ हैं जो मैंने आज के दौर के अनुसार लिखी हैं परंतु माँ सीता को ध्यान में रखकर। लेखनी जगत में मैं कुछ बड़ा करना चाहती हूँ इसलिए आप सभी पाठकों को दिल से धन्यवाद मेरा हौसला बढ़ाने के लिए। आप सभी मेरा ऐसा ही साथ देते रहें ताकि मैं और भी आगे बढ़ सकूँ।