गढ़वाल हिमालय की गोद में जन्मी और पली-बढ़ी श्रीमती स्वर्णलता डोभाल गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। अपने दैनिक घरेलू कार्यों से समय मिलने पर वे आम तौर पर अपने विचारों को शब्दों में अंकित करती रहती हैं । कविता लेखन के माध्यम से उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है । अतीत में अपने जीवन के विभिन्न अनुभवों तथा विचारों के आधार पर दस कविताओं का एक यादगार संग्रह उनके द्वारा संकलित करने का यह एक छोटा सा प्रयास है।