हकलापन! सच कहूं तो यह विषय बात करने के काबिल ही नही हैं। हकलापन समाज में एक गंभीर बीमारी बन चुका हैं, जिसमे हमारे पढ़े – लिखे शिक्षित लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
मैंने अपनी पहली किताब का नाम लड़का वो थोड़ा हकलाता था। इस लिए रख हूं, क्यूं की मैं खुद इस समस्या के साथ जूझ चुका हूं। सच कहूं तो हकलाते हुए लड़के को हर जगह इतनी समस्या होती हैं की शब्दो में बता पाना बड़ा ही मुश्किल हैं। आप कितने भी अच्छे क्यू ना हो आपको वह इज्जत नहीं मिल पाती जो