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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमर्द शब्द एक छोटा सा शब्द है लेकिन इस छोटे से शब्द के कितनी बड़ी जिम्मेदारी है ये शायद एक मर्द के अलावा कोई नहीं समझ सकता। समाज में हमेशा से ही मर्द को गलत ठहराया जाता रहा है। मर्द पर अपेक्षाओं और जिम्मेदारियों का बोझ डाला जाता रहा है। और मर्द उसे चुपचाप सहता रहा है। मर्द होना आयु पर निर्भर नहीं है या किसी दूसरे मापदंड पर। एक चौदह वर्ष का बच्चा भी तब मर्द बन जाता है जब घर की परिस्थितियों की वजह से बाहर कमाने निकलता है।
"मर्द की कहानी" संकलन हर उस बच्चे, जवान, बुजुर्ग को समर्पित है, जो अपनी जिम्मेदारियों के बोझ तले ज़िंदगी बीता रहा है और हार ना मानते हुए डटकर खड़ा है.. जीतने के लिए...।
चेतना जांगिड़ और विजय सिंह पँवार
चेतना जांगिड़ जयपुर, राजस्थान की रहने वाली हैं। यह बहुत ही नरम दिल की लडकी है। इनकी लेखन कार्य में रुचि बचपन से ही रही है। लेकिन पढ़ाई की वजह से इन्होंने कुछ समय के लिए लिखना छोड़ दिया था। फिर इनकी मां के कहने पर इन्होंने वापस लिखना शुरू किया। यह अपनी मां से बहुत प्यार करती है। इनका स्वभाव और इनके विचार इनके लेखन कार्य में देखने को मिल जाएंगे। लिखना इनकी ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह भविष्य में स्वयं की किताब लिखना चाहती है और उसके लिए यह बहुत मेहनत कर रही है। आप इनके लेखन को Instagram :- @chetna.official_21 पर पढ़ सकते हैं।
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