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nari ek sakti / नारी एक शक्ति nari ek sakti

Author Name: Devari Vijay Singh Panwar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जैसा की आप सब जानते हैं कि हमारे यहां पुरुष प्रधान समाज है। लेकिन स्त्री के बिना ये संभव नहीं है। हमने बचपन से सुना है कि स्त्री और पुरूष गाड़ी के दो पहिए हैं पर किसी ने ये नहीं बताया कि स्त्री कौनसा पहिया है। मेरा मानना है कि स्त्री आगे का पहिया है जो पीछे वाले पहिए को खींचता है। स्त्री हमारे समाज का एक अभिन्न अंग है। स्त्री के बिना तो सृष्टि में रचना ही असंभव है। मेरी ये किताब उन सभी स्त्रियों को समर्पित है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे साथ खड़ी रही हैं। हमे सहारा दिए हुए हमारे हर कदम पर। अलग अलग रूप में कभी माँ, कभी बहन, कभी दोस्त, कभी पत्नी और कभी बेटी बनकर। हम उनका ऋण नहीं चुका सकते। ये किताब उन सब स्त्रियों को मेरे आदरसहित प्रणाम के साथ समर्पित है।

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देवारी विजय सिंह पंवार

देवारी विजय सिंह पंवार देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले हैं। जो बहुत छोटी आयु से लेखन कर रहे हैं। इनकी रचनाएं ज्यादातर इन्हीं के जीवन अनुभवों पर आधारित होती है। इन्हे शेर, शायरी, लघु कविताएं, ग़ज़ल लिखना बहुत पसंद है और इनका सपना है कि इनकी अपनी एक पुस्तक प्रकाशित हो सके।

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