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Netr chhedan ek pratha / नेत्र छेदन एक प्रथा

Author Name: Vinod Parashar (Pausari) | Format: Paperback | Genre : Humor | Other Details
इस कहानी संग्रह में सात कहानियाँ है १. नेत्र छेदन एक प्रथा -क्या बीतती जब कानों की बस्ती में जब किसी दो आँखों वाले सामान्य व्यक्ति को रहना पड़ता है. २. दोस्ती से भक्ति तक - हर कृष्ण को चाहिए की अपने सुदामा को नजरअंदाज न करे। ३ . राजा और दरबारी -क्या होता अगर अकबर अपने नवरत्न स्वयं से कमतर लोगो को चुनता। ४ . मै और मेरा लक्ष्मी -अफलातून दोस्ती, पौसार में बिताये दिन ५ . साहूजी एक आकर्षक व्यक्तित्व - बस एक ही कमी थी साहूजी की जिंदगी में की हम उसके दोस्त थे। ६ . पंडित मनोहर - एक राज नर्तकी और एक पंडित की अनोखी लड़ाई की कहानी ७. नन्ही मछली - नन्ही मछली किस तरह अपने हिस्से का पानी प्यासे जानवरो के बीच बाटती है
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विनोद पाराशर (पौसारी)

लेखक के विषय में मेरा बचपन मध्य प्रदेश के पिपरिया में बीता जिसका पुराना नाम पौसार हुआ करता था। वहाँ एक नदी है जो कभी कल कल बहा करती थी और वहीं पर दोस्तों के साथ बिताये दिनों को, तो कुछ जीवन में मिले अनुभवों को कहानियों में ढाल दिया करता हूँ। क्योकि छोटू आज भी रोज कहानियाँ सुनता है और में भी सुनाता चला जाता हूँ पर अब वह बड़ा हो चला है सो कहानियों का स्तर भी बड़ा हो चला तो ये कहानी संग्रह सभी उम्र के पाठको के लिए समर्पित है।
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