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Patjhad / पतझड़

Author Name: Friedrich Nietzsche And Vishek | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जर्मनी के महान दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे ने अपने जीवनकाल में कविताओं की रचना भी की, लेकिन दुनिया में वह एक कवि के रूप में प्रसिद्ध नहीं हो पाए।

कविताएं वह माध्यम होती हैं, जिनमें व्यक्ति अपनी परिस्थिति, मनोस्थिति, समग्रता एंव गुणों को भावों, अलंकारों एवं रसों के ज़रिए शब्दों के रूप में व्यक्त करता है। जिसकी वस्तुनिष्ठता तथ्यों, पूर्वाग्रहों, वंचनाओं और अवधारणाओं के आधार पर तय न होकर मार्मिकता, ह्रदयस्पर्शी, मर्मस्पर्शी, प्रेरित, अश्रुपूरित एवं उद्देलित करने के आधार पर किया जाता है।

नीत्शे की कविताओं में उनके जीवन के विभिन्न घटनाओं, दिनचर्या की उथलपुथल, एकांत का दुःख, खुदबखुद दुःख की गहन पीड़ा, व्यक्तिवाद की संकल्पना, पतझड़ की ऋतु, प्रेम की लालसा और प्रकृति का विषाक्त सौंदर्य मौजूद है।

इस कविता संग्रह में फ्रेडरिक नीत्शे की दुर्लभ कविताओं का हिंदी भाषा में अनुवाद किया गया है। ताकि लोग नीत्शे की कविताओं से रूबरू हो पाएं। वह कविताएं जो नीत्शे को भावना की दृष्टि से समझने में बेहद मददगार हैं। यह पुस्तक नीत्शे की दुर्लभ कविताओं का हिंदी भाषा में एकल एवं अनूठा संग्रह है।

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फ्रेडरिक नीत्शे एवं विशेक

विशेक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एक छोटे से गांव में पैदा हुए हैं। वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं।

अभी तक विशेक की दो कहानी संग्रह "सवा इंच प्यार, यादों का इतिहासकार" और एक कविता संग्रह "नेपथ्य में विलाप" प्रकाशित हो चुकी है। जो ऐमज़ॉन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। इसके साथ ही विशेक ने विश्व प्रसिद्ध लेखक खलील जिब्रान की उत्कृष्ट पुस्तक "मैड मैन" का हिंदी भाषा में अनुवाद भी किया है।

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