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Saawariya-रंग प्रीत के / Saawariya-रंग प्रीत के

Author Name: Rajvi Shah, Nikhil Jain | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

राजवी शाह

राजवी, अहमदाबाद, गुजरात से हैं। राजवीने लिखना तो शौकिया तौर पर शुरू किया लेकिन अपनी सुलझी हुई सोच और चीजों को देखने के वास्तविक नज़रिये को अपने लेखन में शामिल कर हमेशा पढ़ने वालों की पसंदीदा बने रहना ही सबसे बेहतरीन ख़ूबी रही है।
प्रकृति एक सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है उसके लेखन में इस बात का सार्थक प्रमाण है। एक ऐसी शख़्सियत जो किसी भी परिस्थिति के दोनों पहलुओं पर सहजता से लिखने में निपुण है। जिनके लेख से सम्बन्ध और लगाव रखा जा सकता है।
किसी भी लेखक के लेखन में उसकी ज़िन्दगी को जीने के दृष्टिकोण को देखा जा सकता है राजवी एक ऐसी ही शख़्सियत है जो एक उम्दा लेखक होने के साथ एक सच्ची दोस्त भी हैं जो हमेशा दोस्तों को समझाने से पहले सुनने में विश्वास रखती है।।

निखिल जैन

निखिल जैन एक 26 वर्ष के नवयुवक है, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। ये 70 से अधिक किताबों का हिस्सा रह चुके है और इनके खुद के काफ़ी संकलन जैसे की "L'amour", "बंधन रिश्तों के", "प्रकृति एक जादुई पिटारा", "रूहानी बातें", "माँ - मेरे जीवन की प्रेरणा", "L'amour 2" प्रकाशित हो चुके है। आप इनकी लेखनी इंस्टाग्राम पर पढ़ सकते है : @love.vibes143 ईमेल - love.vibes143@outlook.com

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राजवी शाह, निखिल जैन

प्रीत के रंगो में रंगे, रंगरेज पिया संग बंधन में बंधे,

सांवरिया की मुरली की तान, राधे के अंतर्मन में जो बसे,

होली जिनकी मनभावनी, चले पिचकारी उड़े रंग गुलाल,

इस होली कुछ खास करे, ब्रज और बरसाना की होली याद करे,

इस कोरोना काल में कुछ खास करे, दूरियों में रहकर भी होली के रंग में रंगे,

सांवरिया - प्रीत के रंग के संग, त्यौहार के मौसम में आंनद भरे,

होली की खुशियां ना हो कम, अनमोल कविताओं के इस संग्रह के संग।।

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