गगन के वितान से भी विशाल कल्पना-लोक होता है किसी भी कवि का। बस किसी भी कविता की श्रेष्ठता उसकी मौलिकता में छिपी होती है। प्रत्येक कवि की रचना अपने आप में एक विशेष लालित्य लिये होती है। प्रत्येक कवि के निजी विचार और उन विचारों को अभिव्यक्त करने की शैली प्रत्येक कवि को अन्य कवियों से भिन्न पहचान देती है। लाखों कविताएँ नित्य जन्म लेती हैं और अनन्त काल तक जन्म लेती रहेंगी। कवि को अपनी आलोचना से विचलित नहीं होना चाहिए, आलोचना से उसकी कविता उत्तरोत्तर समृद्ध होती जा