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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआद्य शंकराचार्य विरचित सुप्रसिद्ध षट्पदी स्तोत्र पर लिखी गई यह सरल, सरस, अद्भुत कमला टीका अपने भाव को आपके हृदय में समाहित करके आपको आध्यात्मिक उन्नति के शिखर तक ले जाएगी। निश्चित ही यह भावपूर्ण कमला टीका आपके चित्त पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए आपके मनोभावों को सही दिशा प्रदान करने में समर्थ होगी।
डॉ. विन्ध्येश्वर पाण्डेय एवं, ब्रजेश पाठक ज्यौतिषाचार्य
नाम:- डॉ. विन्ध्येश्वर पाण्डेय
जन्मस्थान :- ग्राम- कुलकुपी, थाना- सिसई, जिला- गुमला (झारखण्ड) |
जन्मतिथि: २४ नवम्बर १९३०
विद्यावारिधि का महानिबन्ध : जीवात्मस्वरूपविमर्ष: (१२ आस्तिक नास्तिक दर्शनों में अद्भुद प्रामाणिक सामन्जस्य)
शिक्षा :- व्याकरणाचार्य, न्यायाचार्य ज्योतिष- साहित्य शास्त्री, विद्यावारिधि (P.H.D) |
सेवा :- उत्तरप्रदेश (जिला-हमीरपुर) में संस्कृत कालेज में प्रधानाचार्य, सेवानिवृति :- १ जून १९९१ |
रचनाएँ : प्रौढ़ संस्कृत काव्य- "गीतागंगा स्रग्धरा" (दिल्ली राज्य शासनद्वारा पुरस्कृत), गीतागंगा दुत्विलम्बिता, भावकुसुमांजलि, सुक्तिमुक्तावली, सुक्तिसंग्रह, सत्पाथेयम्, परमार्थ प्रकाश (वेदान्त, हिन्दी), राष्ट्रिय चिन्तन और प्रशिक्षण, धर्म और अधर्म, मानवता की परख, हर पल अपनी पहचान आदि | इसके अतिरिक्त पचासों छोटे निबन्ध | वर्तमान में राष्ट्रियता से सम्बन्धित लेखन जारी
वर्तमान पता - शारदा नगर, विद्यामन्दिर के निकट, लोहरदगा, झारखण्ड |
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