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Shrimad Bhagavad Gita / श्रीमद्भगवद्गीता निष्पति व निवृत्ति

Author Name: Dr. G. Bhakta | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

लेखक की अखण्ड साधना का प्रसाद श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पत्ति और निवृति) आपके समक्ष है, इनकी खंडित अभिव्यक्ति में आत्मस्तुति, प्रस्तुति, विस्तृति, निष्पत्ति तथा निवृति जो एक पुस्तकाकार में गीता बोध आपकी आकांक्षा की प्रतीक्षा करेगी, प्रकाशनार्थ परिशोधन में हैं । गीता द्वारा जनसामान्य के लिए बोध गम्यता तथ युवा पीढ़ी के लिए आत्म बोध एवं दिशा बोध प्रदान करना ही अभीष्ट है । मेरी कामना है कि यह असंख्य करों में धारण की जाय तथा हृदय में स्थान पाये । उपलब्ध तो हम सबों की होगी इन्हें मात्र निर्माण का ही आनन्द प्राप्त होगा ।

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डा. जी. भक्त

हाई स्कूल में आठवीं कक्षा के बहुत ही शैक्षणिक वर्ष में लेख लिखने में रुचि पैदा हुई, जिसके लिए मुझे समय-समय पर सम्मानित किया गया और इस प्रकार मेरी योग्यता बढ़ी और साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों पर किताबें और लेख लिखने के लिए अभी तक बनी हुई है जैसा कि आपने देखा है साइट गूगल अब एक दिन। एक शिक्षक, व्याख्याता और बाद में एक होम्योपैथिक चिकित्सक रहते हुए लेखन जारी रखा और इस प्रकार 1987 से अब तक 34 वर्षों के भीतर 15 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उन पुस्तकों की सार्वजनिक, स्कूलों और पुस्तकालयों में सुंदरता और उपयोगिता के लिए प्रशंसा की गई है। वे भारत के तीन राष्ट्रीय पुस्तकालयों के साथ-साथ स्थानीय जिला सरकार में भी उपलब्ध हैं। पुस्तकालय। हिंदी और अंग्रेजी, राजनीतिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक और अन्य क्षेत्रों में प्रकाशित होने वाली (तैयार) पुस्तकें, 40 से अधिक लिपियों को अद्यतन किया गया।

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