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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस पुस्तक में ऐसे व्यक्तियों के बचपन की सच्ची कहानियां हैं जिन्होंने अपने जीवन में बहुत से ऐसे काम किये और ऊंचाइयों को छुआ कि उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा स्रोत्र बन गया है।
कहानियों में बताया गया है कि उन व्यक्तियों ने अपने बचपन में किन-किन कठिनाइयों का सामना किया।परंतु फिर भी वे नहीं डरे और अंत में उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया साथ ही मानवता की सच्चे सेवक के रूप में पहचाने गए।
चाहे विज्ञान का क्षेत्र को या कला का,चाहे राजनीति का क्षेत्र हो या धर्म का या हम खेलों और देश-प्रेम की बात करें, हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए जन्मजात प्रतिभा के साथ-साथ बचपन से ही ईमानदारी और सच्चाई सादगी बहादुरी तथा धैर्य जैसे सद्गुणों और सच्ची लगन का होना भी ज़रूरी है।
सभी के पास पर्याप्त साधन नहीं होते। हमें अपने सीमित साधनों का उपयोग करके ही आगे बढ़ना होता है। महान पुरुषों का बचपन भी ऐसा नहीं लगता परंतु फिर भी वे आगे बढ़े। क्योंकि उसमें साहस और क़ीमतों की कोई कमी नहीं थी महान पुरुषों का बचपन भी आम बच्चों जैसा ही था हाँ इतना अवश्य कह सकते हैं कि पूत के पाँव पालने में ही नज़र आ जाते है। यह कहावत महान व्यक्तियों पर अवश्य चरितार्थ होती है।
कुसुम अग्रवाल
जन्म: अलसीसर, जिला झुंझुनू, राजस्थान
शिक्षा: एम.ए. (अंग्रेज़ी)
संप्रति-पिछले पैंतीस वर्षों से लगातार साहित्य सृजन में संलग्न। साहित्य की सभी विधाओं- गज़ल, गीत, कविता, कहानी, लेख, डायरी, नाटक, आत्मकथा में लेखन व देश की प्रख्यात पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।आकाशवाणी से भी रचनाओं का प्रसारण।
प्रकाशित पुस्तकें :
पिंकू के कारनामे (पंजाबी), गीत गुलशन (बाल गीत संग्रह), परंपरागत खेल (फ्लिप बुक), द मंकी एंड द ओल्ड वूमेन, मारू फिर कब आओगे (बाल उपन्यास), नानक वाणी, अभी ज़िंदगी और है (प्रौढ़ कथा संग्रह), बाल कथा संग्रह - कबूतर उड़ गए, अंत भले का भला, ग़ुब्बारों की एकता, राधा इस्कूल जावैगी (राजस्थानी), बाल एकांकी संग्रह - हम सब एक हैं ।
पाठ्य पुस्तकों में रचनाओं का प्रकाशन:
मधुप हिंदी पाठमाला- 2 में कविता "परंपरागत खेल", मधुप हिंदी पाठमाला- 4 में नाटक 'चाणक्य'
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