हास्यप्रद तथा घनघोर विस्मय पर, आधारित इस उपन्यास के, ज्यादातर खण्ड, दो बेहूदे नवयुवकों की, जीवन शैली को दर्शाते हुए, उन घटनाओं का जिक्र करती है, जब वे दोनों ही बेरोजगार थे, तथा कथानक के, ज्यादातर हिस्सों में, केवल उनके द्वारा, रोजगार को खोजने, व् उनके साथ हुई, कुछ अनाप-सनाप हरकतों को, वर्णित किया है।
घटनाक्रम, निरन्तर उन्हीं दो, पढ़े लिखे बेहूदों के, आसपास ज्यादातर भटकता है। जो निरन्तर नौकरी, पेशा ढूंढने में, लगे हुए हैं, और कई नाकाम कोशिशों के बावजूद, व