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10 Years of Celebrating Indie Authors
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअसीम आकाश में कभी-कभी दृष्टिगोचर होते, इन्द्र-धनुष में समाहित अगणित रंगों की भाँति, सुख-दुख, रोमांस, प्यार और खुशी तथा कष्ट एवं शोक के मिले जुले पलों में भाव-विभोर या भाव-विह्वल कर देने वाली विभिन्न अनुभूतियों और एहसासों से भरे, नारी-जीवन के भी अनेक आयाम हैं।
वामा का अर्थ होता है स्त्री या नारी। वास्तविक जीवन में अनुभूत, नारी-जीवन के विभिन्न आयामों को, दर्पण की भाँति समाज के सम्मुख रखने का प्रयास है “वामा का इन्द्रधनुष”। इक्कीस कहानियों के इस संकलन में हर उम्र, हर वर्ग के नारी जीवन के विविध पहलुओं का दर्शन होता है।
“होली” कहानी में वर्णित रियासत की ‘रानी साहिबा’ से लेकर, परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति के चलते, परिवार के जीवनयापन हेतु, परिवार से ही मीलों दूर रहकर कमाने के लिये अभिशप्त “कांता” कहानी की नायिका तक.....
परंपरा और रूढ़ियों में बँधे पितृ-सत्तात्मक समाज में, आज से साठ-सत्तर वर्ष पूर्व संघर्ष-रत नारी की व्यथा को दर्शाती, “पीला सिंदूर” और “तबला” कहानियों की नायिकाओं से लेकर, “टिमटिमाते तारे” और “काव्या” की नायिकाओं जैसी आधुनिक नारी तक.....
भारतीय सामाजिक परिवेश की लगभग सत्तर साल पहले की अवधि से लेकर वर्तमान समय तक फैली पृष्ठभूमि पर आधारित, इस संग्रह के विभिन्न कथानक, पुरुष के प्रति स्त्री-मन में विलोड़ित होते तीव्र प्राकृतिक दैहिक आकर्षण के साथ, नारी जीवन में घुले-मिले विविध इन्द्र-धनुषी रंग, संवेदनशील पाठकों के हृदय को छू जाने में सफ़ल रहेंगे और उन्हें नारी जीवन की समस्याओं और नारी-उत्थान के विषय में सोचने पर विवश कर देंगे।
इस्मिता माथुर “मुस्कान”
इस्मिता माथुर ‘मुस्कान’ का जन्म 21 फरवरी 1962 को मेरठ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। विवाहोपरांत आपने लगभग अट्ठाईस वर्ष तक मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल/ पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी में संचार अभियंता के बतौर शासकीय सेवा की और वर्ष 2016 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्राप्त की।
आप लगभग दस वर्ष तक कंपनी की “महिला शिकायत समिति” की सक्रिय सदस्य भी रहीं, जिसने आपको महिलाओं की समस्याओं से बहुत गहरे तक जोड़ दिया।
बचपन से ही आपका झुकाव संगीत, नृत्य, पेंटिग एवं साहित्य की ओर रहा है। संवेदनशील ह्रदय की लेखिका ने जबलपुर के प्राकृतिक सौन्दर्य, घर-परिवार और कार्यालय की विभिन्न खट्टी-मीठी यादों और लम्बी यात्राओं से मिले अनुभवों को विभिन्न कहानियों, लघु कथाओं और कविताओं के रूप लेखनी-बद्ध किया है।
समय-समय पर इनकी लघु कथाएँ और अनुभव विभिन्न पत्र पत्रिकाओं यथा ‘सरिता’ ‘वनिता’ एवं ‘मधुरिमा-दैनिक भास्कर’ में प्रकाशित होने के अतिरिक्त आकाशवाणी जबलपुर, यू-ट्यूब, ‘मालती के फूल’ शीर्षक से पॉडकास्ट और ‘प्रतिलिपि एफ़एम’ पर प्रसारित होते रहे हैं। इनकी सभी कहानियाँ आम बोलचाल की भाषा में है।
इस पुस्तक के प्रकाशन से पूर्व, वर्ष 2021 में, लेखिका के दो रचना-संग्रह नोशन प्रेस, चेन्नै से ही ‘तुम्हारी कहानी’ और ‘वो कुछ जानी, कुछ अनजानी’ शीर्षक से प्रकाशित हो चुके हैं। हिन्दी साहित्य की सेवा में लेखिका के योगदान के लिये ‘कादम्बरी’ साहित्यिक संस्था द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार तथा पाथेय प्रकाशन द्वारा ‘पाथेय श्री’ अलंकरण से सम्मानित किया गया है। साहित्य के क्षेत्र में आपके सराहनीय योगदान के लिये मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा आपको महिला दिवस 2022 के अवसर पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया है।
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