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Hindu Vyatha: / हिन्दू व्यथा: दुखवा मैं कासे कहूँ Dukhava main Kaase Kahu

Author Name: Suresh Tewari | Format: Paperback | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

आधे से अधिक विश्व पर राज करने वाले हिन्दू स्वयं आपस में ही एक दूसरे की जड़े काट-काट कर पूरे विश्व से सिमट कर अब भारत में भी अपने अंत की ओर बढ़ रहे हैं। अभी तक तो हिन्दुओं की छवि एक बिखरे हुये समाज वाली है जिसके पास इतिहास तो बहुत प्रभावशाली है परन्तु वर्तमान जयचंदो से भरा हुआ तथा तेजहीन, भविष्य डरावना और विनाश की ओर। हिन्दुओं को संगठित, शक्तिशाली और प्रभावशाली होना ही होगा तभी हिन्दुत्व को बचाया जा सकेगा। 'हिन्दू व्यथा' इसी पर एक विस्तृत चर्चा का प्रयत्न है। 

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सुरेश तिवारी

सुरेश तिवारी  का  जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ। इनकी सारी शिक्षा-दीक्षा बनारस में काशी विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से हुई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इंजिनियरिंग में स्नातकोत्तर शिक्षा के पश्चात करीब 37 वर्षों का विविध अनुभव देश और विदेशों से प्राप्त किया। केमिकल और फर्टलाइज़र, क्रायो जनिक, आरगन, फैटी ऐसिड आदि के दस से ज्यादा प्रोजेक्ट में काम कर चुके श्री तिवारी को  हिन्दुत्व और भारतीयता में अटल विश्वास है., लेखन, कला और फोटोग्राफी में विशेष रुचि। लेखक की यह दूसरी रचना है । पहली पुस्तक , झरोखा- अतीत के पन्नों से" भी नोशन प्रेस से ही प्रकाशित हुई थी। आशा है 'हिन्दू व्यथा ' भी आपको जरूर व्यथित करेगी। 

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