उसके जाने पर आँख भर आयी
भुलाने की कोशिश में याद उसकी रात भर आयी
जब छोड़ दी उम्मीद उसके आने की
उसी रोज़ वो हमको नज़र आयी
वो रात इतनी लम्बी गुज़री
लगा ये शाम बे-सहर ायी
अफ़सोस रहा गया एक बात का
हम बाहर थे जब वो घर आयी
पर ख़ुशी एक बात की है
ये समझ हमें गिरने से पेशतर आई