आदिवासी दर्शन, समाज, भाषा-संस्कृति और साहित्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सुप्रसिद्ध आदिवासी लेखिका और आदिवासियत की पैरोकार वंदना टेटे की यह चौथी पुस्तक है। यह किताब उन दिनों तै
इस किताब में आदिवासी लेखक और बुद्धिजीवी कहते हैं-‘‘इतना तो हम जानते हैं कि इस धरती का स्वामी मानव नहीं है। मानव का धरती से सिर्फ एक नाता है। इतना तो हम जानते हैं कि सभी चीजें आप
आदिवासी दर्शन, वैचारिकी और साहित्य पर वंदना टेटे की सैद्धांतिक पुस्तक। हिंदी साहित्य में आदिवासी वैचारिकी और विमर्श में हस्तक्षेप करने वाली पहली अवधारणात्मक किताब। आदिवासी