Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमेरा नाम सुप्रिया जैन हैं। मैं राजनीतिशास्त्र में स्नातक और लोक प्रशासन में स्नातकोतर से सम्मानित हुई हूँ। मैंने दिल्ली विश्वविघालय,दिल्ली से अपनी शिक्षा सफलतापूर्वक पूर्ण की हैं। हाल ही में मेरी एक पुस्तक “मेरे अलफाज ही मेरRead More...
मेरा नाम सुप्रिया जैन हैं। मैं राजनीतिशास्त्र में स्नातक और लोक प्रशासन में स्नातकोतर से सम्मानित हुई हूँ। मैंने दिल्ली विश्वविघालय,दिल्ली से अपनी शिक्षा सफलतापूर्वक पूर्ण की हैं।
हाल ही में मेरी एक पुस्तक “मेरे अलफाज ही मेरी मेरी पहचान” प्रकाशित हुई हैं।
इसके अतिरिक्त, मैनें निम्नलिखित लेख और पुस्तकें प्रकाशित किए हैं :-
1. "A warrior" (https://www.amazon.in/HUES-REFLECTION-VOL-1-AUTHORS-BHARAT/dp/8119990625)
2. सामान्य अध्ययन GENERAL STUDIES (STATIC G.K) GENERAL STUDIES (STATIC G.K)(https://store.pothi.com/book/supriya-jain-सामान्य-अध्ययन-general-studies-static-g-k/)
3. The Untold Enslavement of Courage / साहस की अनकही दासता : साहस की अनकही दासता (Hindi Edition) Kindle Edition (https://www.amazon.nl/-/en/Supriya-Jain-ebook/dp/B0C5N3LPPF , https://notionpress.com/pdfviewer/the-untold-enslavement-of-courage )
4. Chalisa Collection (with Aartis and Vrat Katha) / चालीसा संग्रह (आरतियों और व्रतकथा के साथ) (https://notionpress.com/read/chalisa-collection-with-aartis-and-vrat-katha )
5. Chalisa Collection / चालीसा संग्रह (https://notionpress.com/read/chalisa-collection )
6. my words are my identity / मेरे अल्फाज ही मेरी पहचान (https://notionpress.com/read/my-words-are-my-identity )
7. मेरे अल्फाज ही मेरी पहचान
(https://play.google.com/store/books/details/स_प_र_य_ज_न_म_र_अल_फ_ज_ह_म_र_पहच_न?id=BoEPEQAAQBAJ )
Achievements
"चालीसा" शब्द "चालीसा" से बना है, जिसका अर्थ है
हिंदी में यह संख्या चालीस है, जबकि हनुमान चालीसा में यह संख्या 40 है।
छंद हैं (आरंभ में छंद और अंत में छंद को छोड़कर)।
हिंदू धर्मग्र
"चालीसा" शब्द "चालीसा" से बना है, जिसका अर्थ है
हिंदी में यह संख्या चालीस है, जबकि हनुमान चालीसा में यह संख्या 40 है।
छंद हैं (आरंभ में छंद और अंत में छंद को छोड़कर)।
हिंदू धर्मग्रंथों में चालीसा पाठ का बहुत महत्व है। चालीसा
यह बहुत शक्तिशाली माना जाता है और कहा जाता है कि इसकी संख्या 40 है
इसमें छह छंद हैं, जिसके कारण इसे चालीसा कहा जाता है।
इतना ही नहीं अगर व्यक्ति चालीसा का पाठ करता है
जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक पाठ करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कृपया दयालु बनें।
मेरी आदरणीय माताओं और बहनों, मैं इस किताब में हिन्दू समाज के सारे त्योहार, व्रत की कहानी लिखी हैं। मैं आशा करती हूँ कि यह किताब सबके लिए उपयोगी सिद्ध होगी क्योंकि अपने समाज में वि
मेरी आदरणीय माताओं और बहनों, मैं इस किताब में हिन्दू समाज के सारे त्योहार, व्रत की कहानी लिखी हैं। मैं आशा करती हूँ कि यह किताब सबके लिए उपयोगी सिद्ध होगी क्योंकि अपने समाज में विना ब्राह्मणी के आए कुछ भी काम नहीं कर सकते। यदि ब्राह्मणी किसी कारण न आ सके तो बीसर रह जाते हैं और वह काम नहीं कर सकते।
हर समय भगवान का नाम मुख में रहना चाहिए, झूठ वहीं बोलना चाहिए, दूसरों की निन्दा नहीं करनी चाहिए, किसी को कटु बचन नहीं बोलना चाहिए, किसी को दुख: देखकर खुश नहीं होना चाहिए, चोरी, बुरी संगत से बचकर रहना चाहिए।
सुप्रिया जैन (लेखिका)
ऑथर:-सुप्रिया जैन
ये मेरी तीसरी किताब है,मेरी बाकी किताब आप को notionpress or pothi,amazon पर मिल जाएगी। मेरी लिखी किताबों को अपना प्यार और साथ देने के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं आप की आभा
ऑथर:-सुप्रिया जैन
ये मेरी तीसरी किताब है,मेरी बाकी किताब आप को notionpress or pothi,amazon पर मिल जाएगी। मेरी लिखी किताबों को अपना प्यार और साथ देने के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं आप की आभारी हूँ॥ अपना साथ आगे भी मेरी किताबों ओर मेरे साथ बनाए रखना जी। मम्मी-पापा और मैं अपनी पूरे परिवार का बहुत-बहुत आभार मानती हूँ,जिन्होंने मेरा हार पल साथ दियाऔर जिनकी वजह से आज में आप के साथ अपने विचार साझा कार पा रही हूँ॥
ये किताब महज एक् किताब नहीं हैं, मैनें अपनी,आपकी,हम सभी की जिंदगी से कुछ पल,कुछ क्षण चुन कर या यूँ बोल दीजिए चुराकर,स्याही के साथ अक्षरों में डुबाकर वहीं थामने (रोकने) की कोशिश की हैं। अगर कहीं कोई भूल हुई हो तो में क्षमा (माफी) प्राथी हूँ।नादान समझ कार मुझे माफ कर दीजियेगा !!"कविताओं का ये संकलन पिछले कुछ सालों में मेरी भावनात्मक यात्रा का एक् अभिन्न (महत्वपूर्ण)अंग रहा हैं। इन्हें पढ़ना यादों की गलियों में टहलने की तरह हैं जो हर बार मेरे चेहरे पर एक् मासूम मुस्कान छोड़ जाती हैं। ये कविताएँ उस दर्पण(शीशे) की तरह हैं, जिसमें मैं अपने सच्चे स्वरूप को देख पाती हूँ॥
इस पुस्तक के माध्यम से लेखक कभी हार न मानने की सलाह देता है। लेखक बताते हैं कि किसी व्यक्ति को बिना कोशिश किए कभी हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि जब इसान कोशिश करना बंद कर देता है, त
इस पुस्तक के माध्यम से लेखक कभी हार न मानने की सलाह देता है। लेखक बताते हैं कि किसी व्यक्ति को बिना कोशिश किए कभी हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि जब इसान कोशिश करना बंद कर देता है, तो वह हार जाता है, इसलिए हमेशा कोशिश करता रहिए।
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.