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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palऑथर:-सुप्रिया जैन
ये मेरी तीसरी किताब है,मेरी बाकी किताब आप को notionpress or pothi,amazon पर मिल जाएगी। मेरी लिखी किताबों को अपना प्यार और साथ देने के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं आप की आभारी हूँ॥ अपना साथ आगे भी मेरी किताबों ओर मेरे साथ बनाए रखना जी। मम्मी-पापा और मैं अपनी पूरे परिवार का बहुत-बहुत आभार मानती हूँ,जिन्होंने मेरा हार पल साथ दियाऔर जिनकी वजह से आज में आप के साथ अपने विचार साझा कार पा रही हूँ॥
ये किताब महज एक् किताब नहीं हैं, मैनें अपनी,आपकी,हम सभी की जिंदगी से कुछ पल,कुछ क्षण चुन कर या यूँ बोल दीजिए चुराकर,स्याही के साथ अक्षरों में डुबाकर वहीं थामने (रोकने) की कोशिश की हैं। अगर कहीं कोई भूल हुई हो तो में क्षमा (माफी) प्राथी हूँ।नादान समझ कार मुझे माफ कर दीजियेगा !!"कविताओं का ये संकलन पिछले कुछ सालों में मेरी भावनात्मक यात्रा का एक् अभिन्न (महत्वपूर्ण)अंग रहा हैं। इन्हें पढ़ना यादों की गलियों में टहलने की तरह हैं जो हर बार मेरे चेहरे पर एक् मासूम मुस्कान छोड़ जाती हैं। ये कविताएँ उस दर्पण(शीशे) की तरह हैं, जिसमें मैं अपने सच्चे स्वरूप को देख पाती हूँ॥
सुप्रिया जैन
Author:-Supriya Jain
ये किताब महज एक् किताब नहीं हैं, मैनें अपनी,आपकी,हम सभी की जिंदगी से कुछ पल,कुछ क्षण चुन कर या यूँ बोल दीजिए चुराकर,स्याही के साथ अक्षरों में डुबाकर वहीं थामने (रोकने) की कोशिश की हैं। अगर कहीं कोई भूल हुई हो तो में क्षमा (माफी) प्राथी हूँ।
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