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Rehne do
By Ankita Goswami in Poetry | कुल पढ़ा गया: 262 | कुल पसंद किया गया: 0
Bachhi hi to hu na..  rehne do...  Bewakt, bewajah hu na, rehne do..  Tooti hu , judi hu, dari c hu, giri hu, ruki hu, aage b to badhi hu, jesi bhi hu, ab khush hu na, to Rehne do.... Haal dekh kar taras na khana, sath rehna badal na jana... karoge wada, chhodo,  Rehne do... Saya  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 03:48 PM
Rehne do
By Ankita Goswami in Poetry | कुल पढ़ा गया: 214 | कुल पसंद किया गया: 0
Bachhi hi to hu na..  rehne do...  Bewakt, bewajah hu na, rehne do..  Tooti hu , judi hu, dari c hu, giri hu, ruki hu, aage b to badhi hu, jesi bhi hu, ab khush hu na, to Rehne do.... Haal dekh kar taras na khana, sath rehna badal na jana... karoge wada, chhodo,  Rehne do... Saya  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 03:52 PM
Tedha ishq
By Ankita Goswami in Romance | कुल पढ़ा गया: 289 | कुल पसंद किया गया: 0
Socha tha apna haal-e-dil tumko batayenge... Par tumne to kese ho puchhna tak jaruri nahi samjha.... Kisi ne sahi hi kaha tha ki ye ishq badi hi tedhi chij hai... Thoda tum bhi iski barikiyon se do char ho jao... Is ishq k liye yuhi jhat se na taiyar ho jao...  Thoda hoshiyar ho jao... Thoda sa  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 03:58 PM
रोशनी
By dolly in Poetry | कुल पढ़ा गया: 276 | कुल पसंद किया गया: 0
आज दीये की रोशनी नई उम्मीद जगायेगी। लड रहे है जिस जंग से उसे जीतने में नई रफ्तार लगाएगी।।                  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 04:45 PM
हार अक्सर रुला देती है
By dolly in Poetry | कुल पढ़ा गया: 273 | कुल पसंद किया गया: 0
 हार अक्सर रुला देती है, पर यह बस समझने की बात जनाब वही हार जीना भी सिखा देती है.... टूटते है उस पल जब हमे यह गिरा देती ह  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 04:48 PM
पुलवामा
By Vidhi Wadhwa in Poetry | कुल पढ़ा गया: 413 | कुल पसंद किया गया: 1
हुआ था कुछ ऐसा जिसकी वजह से, गगन रोया भी और धरती कपकपाई भी। 14.2.19 थी वो तारीख, दिन था  वो गुरुवार का। मां रसोई में खाना ब  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 06:38 PM
क्यों?
By Vidhi Wadhwa in Poetry | कुल पढ़ा गया: 493 | कुल पसंद किया गया: 0
क्यों है हमारी ये दशा? क्यों मिलती है हमें ये सजा? क्यों ये दरेंदे घूम रहे खुला? क्यों नहीं समझाया जाता उन्हें? क्यों   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 11,2020 06:58 PM
बड़ा वाला ब्रेक
By Priyanka Bhatia in True Story | कुल पढ़ा गया: 299 | कुल पसंद किया गया: 1
रोज रोज सुबह उठते ही भाग दौड़ की तैयारी शुरू हो जाती थी एक तरफ  खाना बन रहा होता था तो दूसरी तरफ बार-बार मोनू को नींद   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 3,2020 11:59 PM
"pyar_wala_triAngle"
By manish arya in True Story | कुल पढ़ा गया: 254 | कुल पसंद किया गया: 0
This story is based on true story, in this story i want to share my feelings for.someone  and about ky true friendship.on that time i was in 8th standard..then maine new school join kia thaa...mere skul ka first day thaa uss din mai bahut jaldie school pahuch gya thaa...kuch log aagaye thee aur  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 6,2020 08:17 AM
एक दीप जलाओ
By Ajahar Rahaman in Poetry | कुल पढ़ा गया: 451 | कुल पसंद किया गया: 1
एक दीप जलाओ; अमर शहीदो के नाम । एक दीप जलाओ ,वीर सपूतो के नाम । यहाँ  कल  -- कल   करती है ,यमुना । वहाँ छल-- छल करती है   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 10:29 PM
बस तू है बसी
By Shivam Luthra in Poetry | कुल पढ़ा गया: 750 | कुल पसंद किया गया: 6
तूने बस मेरे चेहरे की हंसी देखी है, उसके पीछे का दर्द नहीं; तूने बस मेरी अँखो की चमक देखी है,  उसके पीछे का अंधेरा नह  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 5,2020 11:57 PM
*ताजमहल प्रेम नही स्त्री अत्याचार का प्रतीक है*
By in General Literary | कुल पढ़ा गया: 136 | कुल पसंद किया गया: 0
      *ताजमहल प्रेम नही  स्त्री अत्याचार का प्रतीक है*                - By Arvind K Pandey   ये हर्ष की बात है कि इलाह  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 6,2020 09:09 AM
Banarasiya Ishq
By Bharat bhushan upadhyay in Poetry | कुल पढ़ा गया: 226 | कुल पसंद किया गया: 1
यह जो अनकहा सा हमारे बीच रह गया है तुम्हारे होने की कशिश है तुम्हारे प्यार का एक अजब एहसास है जानता हू दूरीयॉ है अभी   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 6,2020 09:23 AM
#भूल जाऊ क्यो न
By Harshal Shivankar in Poetry | कुल पढ़ा गया: 400 | कुल पसंद किया गया: 1
मेरे कपड़ों की जेब भर जाए तेरे इश्क के दर्द से क्यों न  मैं भी तो रोना चाहूं कोई मुझे प्यार से सताए क्यों न मस्जिद,   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 6,2020 09:44 AM
धैर्य - इंतजार
By Sanjeev Kumar in Poetry | कुल पढ़ा गया: 575 | कुल पसंद किया गया: 0
धैर्य - इंतजारकौन कहता है कि तू बुझदिल है,तू तो इस देश का नागरिक है।तू ही देश की सेना है, बैठ जा घर में अपने,  तुझे ब  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 6,2020 11:16 AM