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वक़्त से लड़कर
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 481 | कुल पसंद किया गया: 1
"वक़्त से लड़कर जो नसीब बदल दे इन्सान वहीं जो अपनी तकदीर बदल दे , कल क्या होगा कभी मत सोचो , क्या पता कल वक़्त खुद अपनी   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:07 AM
उम्मीदों की कश्ती
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 229 | कुल पसंद किया गया: 1
"उम्मीदों की कश्ती को डुबोया नहीं करते, मंजिल दूर हो तो थक कर रोया नहीं करते, रखते हैं जो  दिल में उम्मीद कुछ पाने की  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:08 AM
मां का प्यार
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 562 | कुल पसंद किया गया: 1
"रुके तो चांद जैसी चले तो हवाओ जैसी वो मां ही है जो धुप मे भी छाव जैसी." Love your mom & Take care of mom  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:10 AM
जरा कोशिश तो कर
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 514 | कुल पसंद किया गया: 1
जरा कोशिश तो कर " संगीत सुन कर ज्ञान नहीं मिलता ,  मंदिर जाकर भगवान नहीं मिलता, पत्थर तो इसलिए पूजते है लोग, क्योंकि   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:13 AM
है मैरे दोस्तों
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 254 | कुल पसंद किया गया: 1
"अब ना में हुं ना बाकी है ज़माने मेरे , फिर भी मसहुर है शहरों में फंसाने मेरे, जिन्दगी है तो नये जख्म भी लग जायेंगे, अब   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:14 AM
हिन्दुस्तान कि शान
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 447 | कुल पसंद किया गया: 1
" जब आंख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,   जब आंख बंद हो तो यादे हिन्दुस्तान की हो,   हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं हो,    ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:16 AM
कटी पतंग
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 798 | कुल पसंद किया गया: 1
"जंग के मैदान में तु हिम्मत मत हारना,  कटी पतंग की तरह तु कट मत जाना,  पंखों को फैला के उड़ना है तुझे बस ,  तु हिम्मत  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:17 AM
पत्थर कभी चट्टान नहीं होता
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | कुल पढ़ा गया: 278 | कुल पसंद किया गया: 1
"पत्थर कभी चट्टान नहीं होता    चूहा कभी बलवान नहीं होता,  कह दो ये दुनिया वालों से मुझसे  टकराना इतना आसान नहीं   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:19 AM
इश्क़ और दोस्ती ..!
By Vishal Vardhamane in General Literary | कुल पढ़ा गया: 358 | कुल पसंद किया गया: 1
ये कहानी है ,मेरी और उसकी ;ये कहानी है काग़ज़ और क़लम की  हम दोनों ही एक दूसरे के सिवा अधूरे थे .जिस दिन वो कॉलेज नहीं   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:51 AM
अच्छा बुरा
By deepika swarnkar in Poetry | कुल पढ़ा गया: 292 | कुल पसंद किया गया: 0
अच्छा  बुरा  गलत  सही  की  समझ  कहाँ  है  मुझे  अभी ? और  क्या  किसी  को  हो  सकती  है ? जिसे   द  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 08:52 AM
ख्वाहिश
By Reet gupta in True Story | कुल पढ़ा गया: 522 | कुल पसंद किया गया: 1
उस रात ख्वाबों में अलग सा मिजाज़ था, एक कहानी जो किसी से अनजान था।आज सारे राजो का reunion होने वाला था,  तो किताबे फिर आज   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 09:02 AM
मां की बेटी
By madhu kumari in Poetry | कुल पढ़ा गया: 460 | कुल पसंद किया गया: 1
झिलमिल करती एक किरण , उतरी जो मां के आंगन , लिया समेट उस आंचल में , वार दिया उसपे तन - मन । कहने लगी उसे फिर मैया ;  क्यों  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 09:04 AM
कभी खुद भी आया करो मिलने...
By Diptamoy Goswami in Poetry | कुल पढ़ा गया: 729 | कुल पसंद किया गया: 8
कभी खुद भी आया करो मिलने... दरवाज़े के पीछे आज जब मेरे झाड़ू ने फटकारा, "कभी खुद भी आया करो मिलने", कोने में जमें धूल ने   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 09:24 AM
कभी खुद भी आया करो मिलने...
By Diptamoy Goswami in Poetry | कुल पढ़ा गया: 247 | कुल पसंद किया गया: 0
कभी खुद भी आया करो मिलने... दरवाज़े के पीछे आज जब मेरे झाड़ू ने फटकारा, "कभी खुद भी आया करो मिलने", कोने में जमें धूल ने   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 09:32 AM
अकेला
By Mahim Tiwari in Poetry | कुल पढ़ा गया: 675 | कुल पसंद किया गया: 1
एकांतवास में भी अकेला न हो पाने का एहसास जब तू नहीं होती, तो तेरी याद रहती है, अकेला हो नहीं पाता, तू मेरे साथ रहती है।  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 23,2020 09:35 AM