হিন্দি

वक़्त से लड़कर
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 756 | পছন্দ: 1
"वक़्त से लड़कर जो नसीब बदल दे इन्सान वहीं जो अपनी तकदीर बदल दे , कल क्या होगा कभी मत सोचो , क्या पता कल वक़्त खुद अपनी   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:07 AM
उम्मीदों की कश्ती
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 264 | পছন্দ: 1
"उम्मीदों की कश्ती को डुबोया नहीं करते, मंजिल दूर हो तो थक कर रोया नहीं करते, रखते हैं जो  दिल में उम्मीद कुछ पाने की  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:08 AM
मां का प्यार
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 1,020 | পছন্দ: 1
"रुके तो चांद जैसी चले तो हवाओ जैसी वो मां ही है जो धुप मे भी छाव जैसी." Love your mom & Take care of mom  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:10 AM
जरा कोशिश तो कर
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 843 | পছন্দ: 1
जरा कोशिश तो कर " संगीत सुन कर ज्ञान नहीं मिलता ,  मंदिर जाकर भगवान नहीं मिलता, पत्थर तो इसलिए पूजते है लोग, क्योंकि   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:13 AM
है मैरे दोस्तों
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 279 | পছন্দ: 1
"अब ना में हुं ना बाकी है ज़माने मेरे , फिर भी मसहुर है शहरों में फंसाने मेरे, जिन्दगी है तो नये जख्म भी लग जायेंगे, अब   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:14 AM
हिन्दुस्तान कि शान
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 614 | পছন্দ: 1
" जब आंख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,   जब आंख बंद हो तो यादे हिन्दुस्तान की हो,   हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं हो,    বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:16 AM
कटी पतंग
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 1,540 | পছন্দ: 1
"जंग के मैदान में तु हिम्मत मत हारना,  कटी पतंग की तरह तु कट मत जाना,  पंखों को फैला के उड़ना है तुझे बस ,  तु हिम्मत  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:17 AM
पत्थर कभी चट्टान नहीं होता
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | পড়ার জন্য : 410 | পছন্দ: 1
"पत्थर कभी चट्टान नहीं होता    चूहा कभी बलवान नहीं होता,  कह दो ये दुनिया वालों से मुझसे  टकराना इतना आसान नहीं   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:19 AM
इश्क़ और दोस्ती ..!
By Vishal Vardhamane in General Literary | পড়ার জন্য : 653 | পছন্দ: 1
ये कहानी है ,मेरी और उसकी ;ये कहानी है काग़ज़ और क़लम की  हम दोनों ही एक दूसरे के सिवा अधूरे थे .जिस दिन वो कॉलेज नहीं   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:51 AM
अच्छा बुरा
By deepika swarnkar in Poetry | পড়ার জন্য : 334 | পছন্দ: 0
अच्छा  बुरा  गलत  सही  की  समझ  कहाँ  है  मुझे  अभी ? और  क्या  किसी  को  हो  सकती  है ? जिसे   द  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 08:52 AM
ख्वाहिश
By Reet gupta in True Story | পড়ার জন্য : 792 | পছন্দ: 1
उस रात ख्वाबों में अलग सा मिजाज़ था, एक कहानी जो किसी से अनजान था।आज सारे राजो का reunion होने वाला था,  तो किताबे फिर आज   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 09:02 AM
मां की बेटी
By madhu kumari in Poetry | পড়ার জন্য : 746 | পছন্দ: 1
झिलमिल करती एक किरण , उतरी जो मां के आंगन , लिया समेट उस आंचल में , वार दिया उसपे तन - मन । कहने लगी उसे फिर मैया ;  क्यों  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 09:04 AM
कभी खुद भी आया करो मिलने...
By Diptamoy Goswami in Poetry | পড়ার জন্য : 760 | পছন্দ: 8
कभी खुद भी आया करो मिलने... दरवाज़े के पीछे आज जब मेरे झाड़ू ने फटकारा, "कभी खुद भी आया करो मिलने", कोने में जमें धूल ने   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 09:24 AM
कभी खुद भी आया करो मिलने...
By Diptamoy Goswami in Poetry | পড়ার জন্য : 280 | পছন্দ: 0
कभी खुद भी आया करो मिलने... दरवाज़े के पीछे आज जब मेरे झाड़ू ने फटकारा, "कभी खुद भी आया करो मिलने", कोने में जमें धूल ने   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 09:32 AM
अकेला
By Mahim Tiwari in Poetry | পড়ার জন্য : 1,422 | পছন্দ: 1
एकांतवास में भी अकेला न हो पाने का एहसास जब तू नहीं होती, तो तेरी याद रहती है, अकेला हो नहीं पाता, तू मेरे साथ रहती है।  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Mar 23,2020 09:35 AM