जब भारत में होगी क्रांति तब एशिया में होगी शांति।
By Master Tulsi Gyaan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 394 | कुल पसंद किया गया: 0
https://educational3012.blogspot.com/2020/06/blog-post.html?m=1 अधिक समय तक शांति चाहते हो तो नापाक देश पाकिस्तान में कर दो बेमिसाल 50 धमाके!* लगे ऐसा जैसे कि  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 2,2020 09:13 PM
मोहब्बत बदल गई( मधु)
By Ajahar Rahaman in Poetry | कुल पढ़ा गया: 393 | कुल पसंद किया गया: 0
जो थी मोहब्बत ,अकीदत में बदल गई । तुझ से पहले मैं न करता था ; खुद की परवाह। जब से तुझे लबो से  लगाया मैनो । सुना था जो ,ल  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 8,2020 05:51 PM
FAR ❤️
By sk in Poetry | कुल पढ़ा गया: 392 | कुल पसंद किया गया: 0
Distance never seperates you and me, through the eyes of the skies  i always meet you in my dreams!! Distance never seperates you and me, try not only to calculate the time we shared.. but also the love when we paired!! Distance never seperates you and me, every minute I remember the beautifu  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 15,2020 08:16 PM
ಏಕಾಂತ ಹಿತವೆನಿಸುತ್ತಿದೆ!
By Harish T H in Poetry | कुल पढ़ा गया: 390 | कुल पसंद किया गया: 0
ಏಕಾಂತ ಹಿತವೆನಿಸುತ್ತಿದೆ  ಪ್ರಶಾಂತ ವಾತಾವರಣದಲ್ಲಿ ಕೂತಿರುವಾಗ. ಏಕಾಂಗಿ ನಾನಾಗಿರಲು ನಿನ್ನನ್ನೇ ನೆನೆದೆನು ನಿರ್ಸಗದ ಮಡಿಲಲ್ಲ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 23,2020 01:07 PM
फायदा उठाए कोरोना वाइरस का,
By bhawna gaur in Poetry | कुल पढ़ा गया: 388 | कुल पसंद किया गया: 0
जी हाँ, इस महामारी , राष्ट्रीय आपदा कोरोना वाइरस संक्रमण के  चलते जो छुट्टी आपको  और हमको मिली है उनका फायदा उठाए.  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 13,2020 04:51 AM
वो अगली सुबह
By Shreya Jain in General Literary | कुल पढ़ा गया: 383 | कुल पसंद किया गया: 0
                                        वो अगली सुबहअगली सुबह अमन तो जागा लेकिन अम्मी नहीं। यह दास्त  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 7,2020 07:40 PM
ஜன்னலோரம்
By Monika Shanmugam in General Literary | कुल पढ़ा गया: 383 | कुल पसंद किया गया: 0
கார்முகில் கூட்டம் முதல் பொறையுடை பூமி வரை மழையின் பயணம் அழகு. குறுகிய ஓடை முதல் படர்ந்த கடல் வரை பாய்ந்தோடும்   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 12,2020 04:02 PM
कुछ कह नहीं पाते
By M Tasleem in Poetry | कुल पढ़ा गया: 382 | कुल पसंद किया गया: 0
दिल में रख कर भी हम कुछ कह नहीं पाते क्या कहें उनसे सोच कर भी कह नहीं पाते वो जब मिलते हैं दिल धड़कता है सांस रुकती है ह  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 29,2020 07:59 PM
मैं कुछ ऐसा कर जाऊँगा
By Ravi Ranjan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 382 | कुल पसंद किया गया: 0
उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में क्या करें.. गम भी बहुत दिये हैं जिंदगी ने हमें जो भी अजीज़ था वो सब छीना है हमसे अ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 22,2020 02:45 PM
"आई "माझ्यासाठी
By Smita Chidrawar in Poetry | कुल पढ़ा गया: 381 | कुल पसंद किया गया: 0
आई माझ्यासाठी आई असूदे की अम्मा अथवा असेल ती कोणाची ममा , पण असते ती खरंतर आपल्यासाठी प्रेमाचा निरंतर साठा ना कधीह  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 31,2020 12:30 PM
बोल मेरे खुदा !
By aryan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 379 | कुल पसंद किया गया: 1
क्या गलती हुई थी मुझसे ए मेरे खुदा, की उसका हाथ मेरे हाथ में थाम दिया । मेरी गलती को तोह एक पल में पहचान लिया, और उसकी क  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 6,2020 03:56 PM
ஒரு தாயின் வலிகளோடு வரிகள்
By M.Sabeena Bahurudeen in Poetry | कुल पढ़ा गया: 377 | कुल पसंद किया गया: 0
உந்தன் பொன்  முக சிரிப்பை காண எனது இரவெல்லாம் விடியல் ஆக்கினேன் ! எனது மடியிலும் நீ தவழ்ந்தாய் ! எந்தன் நேரத்த  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jul 29,2020 09:04 PM
ಸೂರ್ಯನ ಅನಿಸಿಕೆ
By Surya kiran in Poetry | कुल पढ़ा गया: 373 | कुल पसंद किया गया: 2
ಹೂವಿನಂತೆ ಅರಳಿದೆ ನೀನು ಈ ಧರೆಯಲ್ಲಿ...  ಯಾವ್ದೇ ಕೊಂಕಿಲ್ಲ ನಿನ್ನ ಚೆಲುವಿನಲ್ಲಿ...!!!  ಜೋಗದ ಸಿರಿಯಂತೆ ಹರಿದಾಡುವ ಆ ನಿನ್ನ ಕೇಶರಾ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 23,2020 01:42 PM
*अपने असाधारण और अद्भुत पिता को स्मरण करते हुए*
By in True Story | कुल पढ़ा गया: 372 | कुल पसंद किया गया: 0
*अपने असाधारण और अद्भुत  पिता को स्मरण करते हुए*              *By Arvind K Pandey* ***** यह लेख एक विलक्षण पिता का हृदय से सम्  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 4,2020 08:55 AM
"ऐ चांद, ऐक गुज़ारिश हे तुमसे"
By Dolafz in Poetry | कुल पढ़ा गया: 369 | कुल पसंद किया गया: 1
ऐ चांद, ऐक गुज़ारिश हे तुमसे ; गर मिले कहिं हमसफ़र मेरा बताना उसे : क्यों भटके गुमराह मंजिलो पे,  जबकि खदा महबूब तेरे  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 19,2020 11:44 PM