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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहाय, मैं मन्नत, अल्हड़, जवान, खूबसूरत जीवन व जवानी से भरपूर, चुलबुली लड़की हूँ। मैं 22 वर्ष की बालिका हूँ। मैं छोटे से कस्बे में अपने माँ बाप और भाई के साथ रहती हूँ। शादी के हसीन सपने पलकों पर सजाए अपने आने वाले जीवन की मधुर-मधुर कल्पना में खोई हूँ। आईए मेरे जैसी जीवन यात्रा पर जहाँ मैं अपने जीवन के खट्टे-मीठे पल आपके साथ सांझा करूँगी और अंत में आप मुझे आज की सीता का नाम दे देंगे।
आज की सीता आज की औरत की कहानी है जो अपने सपनों और वास्तविक जीवन के बीच संघर्ष करती है। उसके सपनों का ताना-बाना वास्तविक जीवन के साथ उलझ जाता है। अब उसके सपनों की जगह उसके जीवन में समर्पण, संघर्ष ने ले ली थी। वो अपना अस्तित्व सबको खुश करने में खो देती है और सोचती है कि जीवन को सरल और सुगम क्यों नहीं बनाया जा सकता। अंत में जब वह स्वयं की कद्र पहचानती है तो सुखी जीवन का मंत्र भी मिल जाता है।
मंगलेश मंगली
मंगलेश का जन्म 1952 में हुआ। वह एक कुशल गृहणी हैं। उन्होंने एम.ए. इंग्लिश में की हुई है। पर हिन्दी भाषा में लिखना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। वह अपने परिवार के साथ पंजाब के छोटे से शहर होशियारपुर में रहती है। इस किताब से पहले उनकी एक और किताब "अन्तिम विदाई" आ चुकी है। कुछ छोटी कहानियाँ और कविताएँ भी लिख चुकी हैं।
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