You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Read in your favourite format - print, digital or both. The choice is yours.
Track the shipping status of your print orders.
Discuss with other readersSign in to continue reading.

"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहिंदी में फुलटुस इंटरमेंट नाटक नहीं के बराबर लिखे गये हैं। जरा आप ही दिमाग पर जोर डालें न! भारतेंदु का ^अंधेर नगरी*] हबीब तनवीर का ^चरणदास चोर* ! फिर\ आपकी सूची दस नाटकों से आगे बढ़ेगी] शक है।
इसके पहले कि यह नाटक आप पढ़ें या मंचित करें] स्पष्ट कर दूं कि इस में वह सबकुछ है जो एक फुलटुस इंटरटेनमेंट फिल्म में होता है। इसकी कहानी बिंदास अर्थात आउट ऑफ द बाक्स है] संवाद गुदगुदाने और झकझोरने वाले हैं और दृश्य फिल्मी हैं। लेकिन इसे पढ़कर या मंच पर देखकर आपको मजा जरूर आएगा] वह भी भरपूर मजा आएगा।
सुप्रसिद्ध साहित्यकार ओमप्रकाश मंजुल ने इस नाटक के ऊपर टिप्पणी करते हुए लिखा है&^श्री कुमार के नाटक को हंसी का खजाना कहा जाये तो अनुचित नहीं होगा। कभी-कभी हंसने के लिए पढ़ना बंद करना पड़ता है और पढ़ना बंद करके हंसना पड़ता है।’
यह नाटक एक युवा] बिंदास लड़की सेजल पर केंद्रित है जो अपने नेक कारनामों से तहलका मचा देती है। उसके काम में उसका सहयोग करते हैं कुछ भूत। इस नाटक में रैप सांग्स हैं] डांस हैं] ऐक्शन है] ड्रामा है] प्यार और रोमांस है और सबसे बड़ी बात है गजब का सस्पेंस है।
आपसे विनम्र निवेदन है कि आप इसे पढ़ें, मंचित करें और बताएं मैं अपने प्रयोग ‘फुलटुस इंटरटेनमेंट’ क्रिएट करने में कहां तक सफल हुआ हूं।
It looks like you’ve already submitted a review for this book.
Write your review for this book (optional)
Review Deleted
Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.कुमार संजय
डॉ. कुमार संजय नाटक लेखन के एक सशक्त हस्क्षाक्षर हैं। आप हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में नाटक लिखते हैं। अबतक आप सौ से अधिक नाटक लिख चुके हैं। आपकी 23 नाट्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आपने नाट्य लेखन में अपना एक अलग स्टाइल गढ़ा है। अपनी अद्भुत नाट्य शैली और व्यंग्यात्मक, चुटीली, रसीली भाषा के कारण खासे लोकप्रिय हैं। अपनी रचनाओं में आप बड़ी ही सरल-व्यंग्यात्मक भाषा में समाज और देश की समस्याओं को उठाते हैं। इनके नाटक जहाँ पाठकों/दर्शकों को गुदगुदाते हैं, वहीं उन्हें कड़वी सच्चाई से रूबरू भी करवाते हैं। उनके नाटकों के साथ खास बात यह है कि इन्हें बिना किसी ताम-झाम के मंचित किया जा सकता है। सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओम प्रकाश पाण्डेय ‘मंजुल’ ने डॉ कुमार संजय पर टिप्पणी करते हुए लिखा है - श्री कुमार अद्यतन युगीन सराकारों से जुड़े नाटककार हैं। आपके नाटकों में रोते हुए को हँसा देने और बीमार को स्वस्थ कर देने की शक्ति है। निसंदेह वे इस समय के सर्वश्रेष्ठ नाटककारों में से एक हैं।
India
Malaysia
Singapore
UAE
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.