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Chhod Chale Kadmon ke Nishan / छोड़ चले कदमों के निशाँ उपासना और उत्सर्ग का शब्द-अर्घ्य

Author Name: Dr. Arti 'lokesh' Goel | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

सौंदर्य व आस्था के करीब ... 

‘छोड़ चले कदमों के निशाँ’ में कवयित्री ने मानव संवेदनाओं को समेटते हुए 62 कविताओं का समावेश किया है जिन्हें पाँच भागों में विभाजित किया है। वे हैं ‘उपासना’, ‘उद्बोधन’, ‘उत्कर्ष’, ‘उत्सर्ग’ और ‘उद्गार’। डॉ. आरती की कविताओं की विशिष्टता यह है कि वे जीवन की सुंदरता को अनुभव करती हैं, साथ ही सौंदर्य व आस्था को काफी करीब से महसूस भी। उनकी कविताओं में नारी प्रधानता भी दिखती है। डॉ. आरती की कविताओं में विनम्र बोध का भी अहसास हो

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डॉ. आरती 'लोकेश'

उत्तर प्रदेश के एक सुशिक्षित परिवार में जन्मी डॉ. आरती ‘लोकेश’ गोयल ने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री में कॉलेज में द्वितीय स्थान व दिल्ली से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर में यूनिवर्सिटी स्वर्ण पदक प्राप्त किया। राजस्थान से हिंदी साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि हासिल की। अट्ठाईस वर्षों से अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। पत्रिका तथा कथा-संग्रह संपादन कार्यभार भी सँभाला। डी.पी.एस. श

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