सौंदर्य व आस्था के करीब ...
‘छोड़ चले कदमों के निशाँ’ में कवयित्री ने मानव संवेदनाओं को समेटते हुए 62 कविताओं का समावेश किया है जिन्हें पाँच भागों में विभाजित किया है। वे हैं ‘उपासना’, ‘उद्बोधन’, ‘उत्कर्ष’, ‘उत्सर्ग’ और ‘उद्गार’। डॉ. आरती की कविताओं की विशिष्टता यह है कि वे जीवन की सुंदरता को अनुभव करती हैं, साथ ही सौंदर्य व आस्था को काफी करीब से महसूस भी। उनकी कविताओं में नारी प्रधानता भी दिखती है। डॉ. आरती की कविताओं में विनम्र बोध का भी अहसास हो