प्रस्तुत कहानी प्रतापगढ़ जिले के एक काल्पनिक गाँव भवई पर आधारित है। कहानी पंडित दीनानाथ की हत्या से शुरू होती है, जो गाँव के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित व्यक्ति हैं। कहानी में पात्रों की संख्या सीमित है। जो सामंती मानसिकता का प्रतीक है, महिला पात्रों में सबसे प्रमुख मुनिया है, जो अपनी प्रतिष्ठा के लिए अपने प्राण भी न्यौछावर कर देती है।