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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal‘दीप शिखा’ कहानी-संग्रह को पढने के बाद मुझे प्रतीत हुआ कि मानव जीवन के दुःख-दैन्य के कारण-बीज अधिकतर हमारी पुरातन रूढ़ि-रीतियों तथा मध्य युगीन सामाजिक व्यवस्था में है | ‘उधार का दूध’ ,’उसने पीया है जहर’, ‘शरणार्थी’, ‘मरणोत्सव’ आदि रचनाओं के अलावा, और व्यापक स्वरुप के दर्शन ‘छोटी-बहू’ में मिलते हैं | दीपशिखा, लेखिका की नवीण साधना का आशीर्वाद है | कला के कोमल फेन का मूल्य मानवीय संवेदन के स्वस्थ सौन्दर्य से अधिक है | यह मैं नहीं मानती, क्योंकि कला के अनेक रूप हैं , जिनसे वह मर्म को स्पर्श करती है | ‘फ़तेह सिंह’ शीर्षक कहानी की कुछ पंक्तियाँ, कल्पना एवं अलंकरणों रहित होकर भी अपनी कलात्मक क्षमता रखती हैं | लेखिका का यथार्थ, सामाजिक जीवन के साथ संघर्ष करता हुआ,विकासशील, आशा-क्षमतापूर्ण मनुष्य को आगे बढ़ानेवाला व्यापक यथार्थ है | इसमें लोक- मांगल्य के नव अंकुरित बीज मिलते हैं |
एक ओर जहाँ, कुछ नये रचनाकारों की नई-नई कहानियाँ अपनी प्रयोगवादी सीमाओं को अतिक्रमण करने के प्रयत्न में , नवीन मानव मूल्यों की खोज में सामाजिक चेतना की वास्तविकता के घनत्व से हीन, एक भयानक शून्य में जहाँ भटक गई हैं | उनकी मानवता तथा लोक-मांगल्य से दूर का भी संबंध नहीं एवं मांगल्य की कसौटी पर कहीं से भी खड़ा नहीं उतरता |
डॉ. तारा सिंह
डॉ. तारा सिंह, जाने-माने हिंदी साहित्यकार, एक बहुमुखी लेखक, कवि, लघु कथाकार , उपन्यासकार , गजलकार, फिल्मी गीतकार और निबंध रचनाकार के रूप में प्रसिद्ध हैं | अब तक उनकी 45 पुस्तकें प्रकाशित होकर विश्व-व्यापी ख्याति अर्जित कर चुकी हैं | सामाजिक और पारिवारिक मुद्दों, व्यक्तिगत और सामाजिक विषयों, जीवन के दर्शन और वास्तविकता, जन्म और मृत्यु चक्र, आदि से सम्बंधित इन्होंने अपनी भावनात्मक और विचारशील रचनाओं के लिए व्यापक प्रशंसा प्राप्त की है।
इनकी रचनाएँ हमेशा वास्तविक तथ्यों और व्यक्तियों / परिवार के सदस्यों / दोस्तों के बीच संबंधों के मूल पहलुओं से संबंधित होता है। इस प्रकार, वे न केवल सुखद प्रेम का चित्रण करती है, बल्कि निराशा, विश्वासघात और अव्यवस्था जैसे विषयों पर भी लिखती रही हैं।
ये वर्तमान में www.swargvibha.com (एक प्रमुख हिंदी वेबसाइट) और स्वर्गविभा हिंदी त्रैमासिक पत्रिका के प्रधान संपादक और प्रशासक के रूप में काम कर रही हैं।
इन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा 255 पुरस्कार / सम्मान / मानदोपाधि / ट्राफी से सम्मानित किया जा चुका है। इनकी रचनाएँ / पुस्तकें अब www.swargvibha.com और www.kukufm.com (ऑडियोबुक के रूप में), Google पुस्तकें, www.amazon.in, www.flipkart.com, इंस्टा पब्लिश, सुमन प्रकाशन, www.pothi.com, सेंट्रल एन्ड स्टेट लाइब्रेरीज़ इन इंडिया और दुनिया भर के 30 अन्य वेबसाइटों पर, दुनिया भर में उपलब्ध हैं। इनकी जीवनी बार्न्स एंड नोबल (यूएसए 2011) द्वारा और रिफासिमेंटो इंटरनेशनल द्वारा “हूज़ हू” 9 बार (2006-2019) और विकिपीडिया में प्रकाशित की गई हैं। इनकी रचनाएँ हमेशा गंभीर विचारों, विषयों, घटनाओं की गति और जीवन के दर्शन से भरी होती हैं।
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