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Dil Zara / दिल ज़रा

Author Name: Dr. Atul Malikram | Format: Paperback | Genre : Letters & Essays | Other Details

'दिल से' किताब का सातवाँ संस्करण 'दिल ज़रा' हमारे समाज की गंभीर समस्याओं और उनके समाधान की संभावनाओं पर रोशनी डालने का काम करता है। यह किताब वर्ष 2030 तक भारत के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में गरीबी, भूख, शिक्षा, जेल व्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करती है।

'दिल ज़रा' न सिर्फ उपरोक्त समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि पाठकों को यह सोचने पर मजबूर भी कर देती है कि इन जटिलताओं को सुलझाने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं। सामाजिक विषमताओं को खत्म करने, शिक्षा को और सुलभ बनाने और जेल व्यवस्था में सुधार लाने जैसे विषयों को इस पुस्तक में संवेदनशीलता और गंभीरता से उठाया गया है।

यह सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक विचार है, जो हमें अपने भविष्य की दिशा में एक सार्थक और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है। 'दिल ज़रा' हर पाठक के मन में सवाल उठाने और उनके भीतर बदलाव की चिंगारी जगाने का प्रयास है। यह एक आह्वान है उन सभी के लिए, जो एक उन्नत, समान और संवेदनशील भारत के निर्माण का सपना देखते हैं।

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डॉ. अतुल मलिकराम

डॉ. अतुल मलिकराम एक प्रख्यात भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार, पीआर कंसल्टेंट, लेखक, समाजसेवी और एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट हैं। सन् 1969 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक व्यावसायिक परिवार में जन्मे अतुल ने सन् 1999 में पीआर के क्षेत्र में कदम रखा और वर्ष 2006 में पीआर 24x7 की स्थापना की। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने भारतीय राजनीति में खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कई सटीक भविष्यवाणियाँ कीं, जैसे मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे का बीजेपी में शामिल होना और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (एनडीए) के लिए 294 सीटों का अनुमान आदि।

समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए उन्हें गॉडफ्रे फिलिप्स रेड एंड व्हाइट गोल्ड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। देश के शीर्ष राजनीतिक रणनीतिकारों में से एक अतुल मलिकराम को उनके उल्लेखनीय योगदान और विशेषज्ञता के लिए हाल ही में कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा 'डॉक्टर ऑफ पॉलिटिकल साइंस- स्पेशलाइजेशन इन पॉलिटिकल स्ट्रेटेजी' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह उपाधि उनके विशेष शोध 'इवॉल्यूशन ऑफ पॉलिटिकल पार्टीज: मैनिफेस्टेशन इन हिंदी हार्टलैंड आफ्टर इमरजेंसी' के आधार पर दी गई।  

एक चर्चित लेखक के रूप में डॉ. अतुल मलिकराम की किताबें जैसे 'दिल से', 'गल्लां दिल दी', 'दिल विल', 'दिल दश्त', 'कसक दिल की' और 'दिल मेरा' पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वे एक एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट के रूप में इंदौर में देश के पहले एंगर मैनेजमेंट कैफे 'भड़ास' के संस्थापक भी हैं।

उनकी सामाजिक संस्था 'बीइंग रेस्पॉन्सिबल' द्वारा पाँच महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं, जो पूरी तरह से निःशुल्क हैं। इनमें 'केयर फॉर एल्डर्स', 'तेल-मालिश', 'दाना-पानी', 'छत्रछाया' और 'नंगे-पैर' शामिल हैं। इन पहलों के तहत बुजुर्गों को राहत देने के लिए डे केयर सेंटर, मालिश सेवाएँ, पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था और बच्चों तथा महिलाओं को चप्पल, कैप, रैनकोट और स्वेटर वितरण जैसी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।

भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे सतत विकास लक्ष्यों में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। #2030काभारत अभियान के माध्यम से वे शून्य गरीबी, शून्य भुखमरी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और जेल सुधार जैसी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। 'दिल ज़रा' किताब इन्हीं महत्वपूर्ण विषयों का बखान करती है।

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