गल्लां दिल दी, दिल से... किताब का दूसरा संस्करण है, जो विभिन्न लेखों के माध्यम से राजनीति, समाज और संस्कृति, शिक्षा और प्रेरणा, व्यवसाय तथा 2030 के भारत जैसे क्षेत्रों में लेखक के विचारों को शब्दों में पिरोती है। किताब के लेख समाज की उधेड़-बुन, प्रेरणादायी जीवन, राजनीतिक उठा-पटक, व्यापार आदि को नई दिशा देने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर बुने गए हैं।
गल्लां दिल दी, समाज के प्रति लेखक के विचारों और दुनिया को देखने के अपने नज़रिए को पाठकों को सौंपने के उद्देश्य से लिखी गई किताब है। यह किताब गहन अनुभव के साथ जाग्रत हुई सामाजिक संरचना के प्रति उन करोड़ों लोगों की आवाज़ है, जो अपनी सोच को शब्दों का रूप देने में कहीं न कहीं कमी पाते हैं। बात शिक्षा की हो, या कलयुग में इंसानियत के बदलते रवैये की, भारत की सदियों से चली आ रही संस्कृति की हो या पृथ्वी के प्राणियों के प्रति विलुप्त होते सेवा भाव की, हर एक क्षेत्र के संबंधित लेख भावनाओं और विचारों के साथ बेहद खूबसूरती से पिरोए गए हैं। सामाजिक संरचना की नींव की मरम्मत और इसे मजबूत करते हुए यह किताब दिल छू लेने वाले लेखों के माध्यम से समाज के कुछ ऐसे अनछुए मुद्दों को भाव देने का कार्य करती है, जिसका विचार भी आम मस्तिष्क में मुश्किल से घर करता है। किताब के लेख सिर्फ प्रेरणादायक ही नहीं हैं, बल्कि समाज को नए विचार देने का साहस भी रखते हैं। सामाजिक संरचना पर आधारित लेखों के माध्यम से यह किताब पाठकों के दिलों में स्थान बनाने का वादा करती है।