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han main majdur hun / हां मैं मजदूर हूँ

Author Name: Anika Arya | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

अपने-अपने मजदूरी के क्षेत्र में संघर्ष कर रहे हैं। बाल,युवा,महिला,बुजुर्ग,खेतिहर, वन पर आश्रित हर प्रकार के मजदूरों का जीवन परिचय उनका संघर्ष इस कवित्त-संग्रह में लिखने का प्रयास किया गया है। बेहद ग्लानि के साथ लिखना पड़ रहा है कि बहुत से लोग इनके दुखों का उपहास भी करते हैं, इनकी विवशता को नाटक भी कहते हैं। पता नहीं मेरे लिखने से इनके जीवन में बदलाव हो ही जाय मैं मैं ऐसा दावा नह करती। लेकिन हां ये वो लोग है जो कभी अपनी बात कह नहीं पाते हैं। मैं केवल उनकी आवाज बनने का माध्यम भर हूँ।  हां आशा तो सदैव ही  रहती है कि इनके जीवन में भी बदलाव हो, विशेष करके वो बच्चे जो कभी स्कूल नहीं जा पाते, पेट भरने के लिए तरह-तरह के काम करते हैं, उन्हे मजदूरी करन पड़ता है। उनका जीवन भी सुलभ हो जाय। वो महिलायें जो अपने छोटे-बच्चों को कड़कड़ाती धूप में सुलाकर काम करती है,उसे समय से दूध भी नहीं पीला पाती, उसके जीवन में भी कुछ बदलाव हो। वो बुजुर्ग जिंक उमर आराम करने की है,वो आराम करे काम नहीं। युवा,वयस्क सभी को सुरक्षा और सम्मान मिले।

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अनिका आर्या

अनिका आर्या 

जन्म- हवेली खड़गपुर, मुंगेर 

रुचि- लेखन एवं समाज सेवा। 

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