यह किताब कहानी के माध्यम से लिखी गयी है। यह किताब मेरे कमजोर वक़्त की कृति है और मुझे यह कहने में जरा सा भी संकोच नहीं है कि मेरा वक़्त कमजोर था मैं नहीं। मैं अपने लक्ष्य को लकर अडिग था। मुझे पता था ये वक़्त है आज नहीं तो कल बीतेगा ही। जिस तरह मैं अपने कमजोर वक़्त से ताकतवर बन के वापस लौटा उसी प्रकार मैं चाहता हूँ कि आप भी अपने कमजोर वक़्त से लड़ें, गिरे पर हार नहीं माने। आने वाला अगला सूरज आपका होगा।
जैसे एक नाव समुद्र में लहरों की बदौलत अपनी मंजिल की